बुधवार, अक्टूबर 8, 2025
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पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के षष्ठमे दिवस पर कार्यक्रम

न्यूज समय तक ब्यूरो शिवकरन शर्मा कानपुर देहात श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा स्थान – दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार कानपुर देहातकानपुर देहात, तिथि : 29/09/2025स्व.माता कनकरानी- स्व.पिता दर्शन सिंह एवं पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के षष्ठमे दिवस पर कार्यक्रम की सुरुआत माo सांसद देवेन्द्र सिंह भोले उनकी पत्नी प्रेम शीला सिंह, विकास सिंह भोले, अध्यक्ष स्वामी विवेकानंद युवा समिति व अमित सिंह समस्त गढ़ी परिवार द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने हेतु श्रीमद्भागवत कथा का आचार्य शांतनु महाराज जी संग हवन पूजन करने के उपरांत प्रारंभ किया.परमपूज्य कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज अपने मुखार बिंदु से भागवत कथा मे आज बताया की भागवत कथा के श्रवण करने से मनुष्यों के कर्म और धर्म मे बदलाव आ जाता है षष्ठदिवस मे भगवान राम और कृष्ण के धरावतर के बारे में सभी को बताया. *बरसात में भी गूँजी भक्ति : षष्ठमे दिवस की भागवत कथा में आत्मा-परमात्मा मिलन का संदेश* *परम्पराओं का सम्मान करें, उनका पोस्टमार्टम नहीं : कथा आचार्य शांतनु जी महाराज* कन्चोसी क्षेत्र के दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का छठा दिन भक्ति, आस्था और संस्कृति की गहराइयों में डूबा रहा।कथा व्यास आचार्य शांतनु महाराज जी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा आत्मा और परमात्मा के मिलन का दिव्य मार्ग है। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि मनुष्य जीवन को सही दिशा देने वाला शाश्वत ज्ञान है। *परम्पराओं का पोस्टमार्टम नहीं करें* कथा के दौरान समाज में हो रहे बदलावों पर प्रकाश डालते हुए व्यास महाराज जी ने यह संदेश दिया गया कि आजकल समाज मे हों रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में परम्पराओं का मज़ाक या पोस्टमार्टम नहीं करना चाहिए। परम्पराएँ हमारे संस्कार, संस्कृति और सभ्यता की धरोहर हैं, जिन्हें संजोकर रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। *जागरण में नृत्य नहीं, भक्ति हो* आचार्यव्यास ने कहा कि आजकल जागरण के नाम पर राधा-कृष्ण के नृत्य का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, जबकि इसका उद्देश्य केवल भक्ति और साधना होना चाहिए। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि ऐसे कार्यक्रमों में भक्ति रस और संस्कार प्रधान हों, न कि केवल मनोरंजन। *“दीपावली वनवासियों के साथ योगी जी मनाते हैं”* भागवत कथा वाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने कथा अनुसार संदर्भ बताया.. *प्रेम और करुणा का संदेश* भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने यह बताया कि ईश्वर हर प्राणी के भीतर हैं। जो समाज से दूर, उपेक्षित या वंचित हैं, उन्हीं की सेवा और साथ ही सच्ची पूजा है। *वनवासियों के साथ दीपावली* दीपावली का वास्तविक संदेश है – अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना। जब योगी आदित्यनाथ जी जैसे नेता या कोई भी संत/व्यक्ति दीपावली को वनवासियों, गरीबों या पिछड़े वर्ग के साथ मनाते हैं, तो यह भागवत का ही आदर्श है कि *“निज सुख के लिए नहीं, परमार्थ और लोककल्याण के लिए जीना ही धर्म है।”* भगवान्श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा की भागवत कथा में श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों की लीलाओं का वर्णन आता है। श्रीराम जब अयोध्या लौटे तो दीपावली मनाई गई। उसी प्रकार आज अगर दीपावली समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के साथ मनाई जाती है तो यह रामायण और भागवत दोनों की मूल भावना को जीवित करती है।4. श्लोक संकेत *“परहित सरिस धरम नहि भाई।”*(अर्थ: दूसरों के हित से बढ़कर कोई धर्म नहीं।)यह भाव ही वनवासियों/गरीबों के साथ त्योहार मनाने में प्रकट होता है। *बरसात में भी नहीं डिगी आस्था* छठे दिन क्षमाक्षम बारिश होती रही, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कथा स्थल पर डटी रही। भीगे हुए वातावरण में भी भक्तजन भजन-कीर्तन में लीन रहे। कथा स्थल पर गूँजते श्लोकों और भजनों ने वातावरण को और अधिक पवित्र बना दिया। *माता-पिता ही हैं इस भूमि पर साक्षात ईश्वर*कथा के अंत में आचार्यव्यास ने जीवन का मूल संदेश देते हुए कहा कि इस धरती पर माता-पिता ही सच्चे ईश्वर हैं। उनकी सेवा और सम्मान करना ही सबसे बड़ा धर्म है। *श्लोक* “!!पितृभ्यां मातृभ्यां च सर्वदेवमयो गुरुःतस्मान्नम्यः सदा ताभ्यां त्रैलोक्येऽपि न संशयः !!”(अर्थ : माता और पिता ही समस्त देवताओं के समान गुरु हैं। तीनों लोकों में इसमें कोई संदेह नहीं कि उनका वंदन ही सच्ची पूजा है।)उन्होंने कहा की जो इस तरह के संस्कारों को अपनी आने वाली पीढ़ियों को परोसेगा वह सनातन संस्कृति के संस्कारों का सृजन करेगा और हिंदुत्व को बढ़ावा देंगे.इस पावन अवसर पर प्रतिदिन भागवत, भजन कीर्तन एवं प्रसाद वितरण भी निरंतर होता रहा.मा o सांसद देवेंद्र सिंह भोले व ह्रदय युवा सम्राट विकास सिंह भोले से कहा की आस पास के सभी श्रद्धालु श्री मद्भागवत् कथा को सुने और अपनी संस्कृति को जाने.आज उपस्थित अथितियों मे मुख्य रूप से श्री भवानी भीख जी प्रांत संघचालक, मा. राकेश सचान (कैबिनेट मंत्री कानपुर देहात), दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव पूर्व विधायक, श्री राम स्वरूप कटियार जी (पूर्व ब्लॉक प्रमुख) दिनेश राय पूर्व जिला अध्यक्षश्री संजीव दुबे एडवोकेट जीआचार्य अरुण पूरी जी महाराज, मा. श्री मति प्रमिला पांडेय जी (महापोर कानपुर नगर) श्री मति नीतू सिंह दीदी जीव अन्य सकड़ो की संख्या मे गणमान्य जनमानस उपस्थित रहे.आयोजक : मा. श्री देवेन्द्र सिंह भोले सांसद- 44अकबरपुर कानपुर देहात मो० 9013869447

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