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स्लग – गरौठा में मामूली विवाद को लेकर दबंगों ने लड़की के ऊपर किया कुल्हाड़ी से प्रहार , मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर
एंकर -मामला झाँसी के गरौठा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम रामपुरा का है जहां पर विद्युत पंखा भरने को लेकर दबंगों द्वारा व्यक्ति के साथ मारपीट की गई बताया जा रहा है कि दबंग व्यक्ति द्वारा पंखे के विवाद को लेकर दुकानदार के घर आए और दुकानदार के साथ मारपीट करने लगे पिता को बचाने के चक्कर में मौके पर उसकी लड़की बीच में आ गई जिसको दबंगों ने बेरहमी से पीटा व कुल्हाड़ी से प्रहार किया।आनन-फानन में परिजनों द्वारा घायल लड़की को स्वास्थ्य केंद्र गरौठा लाया जा रहा था तभी दबंगों ने एक बार फिर से लड़की को रोककर चौराहे पर बेरहमी से पिटाई कर दी।घायल अवस्था में पड़ी लड़की को स्वास्थ्य केंद्र गरौठा लाया गया जहां पर डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने पर लड़की को मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया। पुलिस का कहना है कि तहरीर आने पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
कुलदीप सोनकर ( न्यूज़ समय तक ) संवाददाता (राठ क्षेत्र
राठ में महिला हुई फरार
जमीन हड़पने के लालच के चलते 6 तोला सोना, 250 ग्राम चांदी के जेवरातों सहित हजारों की नगदी भी ले गई
हमीरपुर जनपद में राठ कोतवाली क्षेत्र के ओंडेरा गांव में साढ़े 4 बीघा जमीन हड़पने के चक्कर में एक महिला 6 तोला सोना व ढाई सौ ग्राम चांदी के जेवरातों सहित हजारों रुपये की नगदी लेकर अपने 10 वर्षीय बच्चे को रोता बिलखता हुआ छोड़कर गांव के ही एक युवक के साथ फरार हो गई। पत्नी के फरार होने के बाद पीड़ित पति ने राठ कोतवाली में मामले की लिखित तहरीर देकर पत्नी को बरामद करने की गुहार लगाई है।राठ कोतवाली क्षेत्र के ओंडेरा गाँव के निवासी ग्रामीण सुरेंद्र ने दोपहर के समय राठ कोतवाली में घटना की लिखित तहरीर देकर बताया कि उसकी पत्नी के नाम साढ़े चार बीघा कृषि भूमि है जिसे वह हड़पना चाहती है। बताया कि जमीन हड़पने के लालच के चलते उसकी पत्नी गांव के ही एक युवक के साथ रफूचक्कर हो गई है बताया कि उसकी पत्नी अपने साथ 6 तोला सोना एवं ढाई सौ ग्राम चांदी के जेवरातों के अलावा 5 हजार रुपये की नकदी लेकर फरार हो गई है। जो कि अपने 10 वर्षीय मासूम बच्चे को भी रोता बिलखता हुआ छोड़ गई है।
पत्नी के बैंक खाते में उसके 1 लाख रुपये भी जमा
बताया कि उसकी पत्नी के बैंक खाते में उसके 1 लाख रुपये भी जमा है। पीड़ित पति ने राठ कोतवाली में घटना की लिखित तहरीर देकर पत्नी को बरामद कराने की गुहार लगाई है। मामले में राठ कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया कि महिला को तलाश करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्लग – झांसी में बालू माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई
एंकर – झांसी में अवैध खनन पर जबरदस्त कार्रवाई जिला प्रशासन ने शमशेरपुरा बालू घाट पर बड़ी कार्यवाही करते हुए, 21 डंपर, चार एलएनटी, 11 पनडुब्बी को सीज कर मुकदमा दर्ज कर लिया है, शमशेरपुरा बालू घाट पर बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से खनन किया जा रहा था,जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है, बता दें कि बेतवा नदी के किनारे गलत तरीके से बालू माफिया बालू का खनन कर रहे थे, दर्जनों मशीनें लगाकर बेतवा नदी की कोख बर्बाद की जा रही थी। जिलाधिकारी झांसी रविंद्र कुमार के आदेश पर एसडीएम टहरौली और एसडीएम गरौठा की टीम ने शमशेरपुरा और एरच घाट के आसपास अवैध खनन पर करारी चोट कर दी है, दोनों स्थानों पर कार्रवाई करते हुए 22 डंपर पकड़े गए हैं चार एलएनटी और 11 लिफ्टर बरामद किए गए हैं सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि शमशेरपुरा बालू घाट का पट्टा झांसी जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने निरस्त कर दिया है, इसके बाद भी खनन माफियाओं की हिमाकत तो देखिए वह धड़ल्ले से अवैध खनन करने में लगे हुए हैं, ना तो है ना जिला प्रशासन का भय था , और ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री का, शमशेरपुरा में नियमों को ताक पर रखकर प्रतिबंधित एलएनटी मशीन लिफ्टर, पनडुब्बी से अवैध खनन किया जा रहा था.
क्षेत्रफल बड़ा होने के कारण 2 सफाई कर्मचारी नियुक्त होने के बाद 1 सफाई कर्मचारी आने से सफाई नही हो पा रही हैस्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत चौबेपुर ब्लाक पारा प्रतापपुर ग्राम पंचायत में पारा गांव में गंदगी का लगा है अंबार
नालिया बज बजा रही हैं सफाई प्रतिदिन नही होती है ब्लॉक से सफाई कर्मचारी कम नियुक्त हैं क्षेत्रफल बड़ा है ग्रामीणों ने बताया है की प्रधान से शिकायत की थी तो कभी कभी महीने में 2 या 3 बार आते है सफाई कर्मचारी निरंतर सफाई ना होने से गंदगी का लगा है अंबार नालियां बज बजा रही हैं जिससे बीमारियां खुलेआम दावत दे रही हैग्राम पंचायत पारा प्रतापपुर में 4 गांव लगते है प्रतापपुर पारा चंदूला बोडेपुरवा में 2 सफाई कर्मचारी नियुक्त है जिसमे एक ही सफाई कर्मचारी आता है 3 प्राथमिक विद्यालय एक आंगनवाड़ी केंद्र अब बताओ सफाई कर्मचारी एक कहां-कहां काम करेगा इस पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है अब यह बताओ कि इतना बड़ा क्षेत्रफल होने के बाद एक सफाई कर्मचारी सफाई करेगा तो कैसे होगी सफाईग्राम प्रधान पारा प्रतापपुर पूजा पाण्डेय ने बताया कम सफाई कर्मचारी हमारी पंचायत में नियुक्त होने की शिकायत मैंने चार बार ब्लॉक और तहसील में दी है पर कोई भी संबंधित अधिकारीचौबेपुर ब्लाक के संबंधित अधिकारी और तहसील बिल्हौर अधिकारी क्यों नहीं मामले को संज्ञान में लेते हैं कम सफाई कर्मचारी नियुक्त होने के कारण सफाई नहीं हो पाती है जिससे एक बड़ी बीमारी को खुलेआम दावत दे रही गंदगीअभी कुछ वर्ष पूर्व कल्याणपुर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरसौली में गंदगी के कारण बीमारी ने अपना पांव पसारा था तब स्वास्थ्य विभाग डगमगा गया था जनता घर छोड़ने को मजबूर थी इसके बावजूद अगर संबंधित अधिकारी मामले को संज्ञान में नहीं ले रहे हैं तो इससे प्रश्नचिन्ह खड़ा होता हैप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान की धज्जियां संबंधित ब्लाक के अधिकारी उड़ा रहे हैं देखते कब मामले को संज्ञान में लेकर समस्या का निदान किया जाएगापूरा मामला चौबेपुर पर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत पारा प्रतापपुर का है
संसद से उज्जैन बरास्ते जंतर मंतर तक : मोदी ने किया क्या? — हवन किया और हवन किया और हवन किया!!(आलेख : बादल सरोज)
न्यू इंडिया की विशेषता है कि जो भी करेंगे मोदी ही करेंगे, 28 मई को भी यही हुआ – जो भी किया, संसद की नयी बिल्डिंग से लेकर जंतर मंतर होते हुए उज्जैन के महांकाल तक जो भी, जहां भी किया, मोदी ने किया।नए संसद भवन, जिसका शिलान्यास नरेन्द्र मोदी ने किया था, बीच बीच में उसके निर्माण की देखरेख करते हुए विभिन्न कोणों से फोटो भी नरेन्द्र मोदी ने ही खिंचवाए थे, पूरा होने के बाद उसका उदघाटन भी नरेन्द्र मोदी ने किया, उदघाटन का भाषण भी नरेन्द्र मोदी ने दिया । इस बीच, जिसे उनकी पार्टी के नेता नेहरू की वाकिंग स्टिक बताते बताते गला सुजा रहे थे उस, सेंगोल, के सामने धरा पर लम्बलोट नरेन्द्र मोदी हुए, उसे हाथ में लेकर – नहीं धारण करके – धीरे धीरे, खरामा खरामा चल सीढियां चढ़कर आसंदी तक भी नरेन्द्र मोदी ही पहुंचे, इसके पहले देश भर से छाँट छाँट कर बुलाये गए छ्टे छटाये साधू-महंतों के आगे, हरेक के आगे, शीश नवाकर आशीर्वाद भी नरेन्द्र मोदी ने लिया । नरेन्द्र मोदी जिस समारोह को नरेंद्र मोदी के राज्याभिषेक का आयोजन मान भांति भांति की मुद्राओं में इत से उत हो रहे थे उस सुबह से जारी अनवरत, दनादन लाइव के बीच 11 से 12 बजे के बीच का एक अंतराल आया ताकि नरेन्द्र मोदी की मन की बात का लाइव प्रसारण हो सके – जो हुआ भी और उसके पूरा होते ही फिर सारे चैनलों की टीवी स्क्रीन पर नरेंद्र मोदी ही थे।सामाजिक व्यवहार की बात दूर रही हर भाषा, हर वर्तनी और व्याकरण के हिसाब से भी एक पैराग्राफ में एक ही शब्द या नाम को एकाधिक बार दोहराया जाना अनुचित और अशुद्ध माना जाता है और इसलिए ऐसा करना निषिद्ध होता है ; मगर जब एकचालाकानुवार्तित कुनबे का मामला हो तो ; वे जो कहें वह प्रमाण है, जो करें वह प्रतिमान है । 28 मई को यही हुआ ; नयी बिल्डिंग तो बहाना था, हर संभव असंभव कोण से मोदीमयता की बहार लाना था। जिसे खुद उन्होंने दिव्य , भव्य , अलौकिक और उनके टीवी चैनलों ने तो पारलौकिक तक बताया।राज्याभिषेक के लिए पुरोहितों के पुराणों में जो जो बताया गया है 28 मई को वह सब कुछ था ; उघाड़े उन्नत उदरों और लहराती दाढ़ियों वाले पुरोहितों के ठठ के ठठ थे, यज्ञ की वेदी थी, हवन कुंड था, लोबान था, आरती थी, मंत्रोच्चार थे, शंखध्वनि थी, आचमन था, रोली थी, अक्षत था, शुद्धि के लिए छिडका जाने वाला जल था ; कुल मिलाकर यह कि सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य भारत की जनता के लोकतंत्र का सर्वोच्च प्रतीक संसद का नया भवन आहुतियों के गर्भगृह में बदलकर रख दिया गया था । दिखावे के लिए दूर अलग कोने में अचार की तरह सर्वधर्म प्रार्थना का प्रहसन फिलर भी था – मगर बाकी आयोजन के सारे छप्पन भोग एकरस, एकरंग थे । इसे, जिसे एक धार्मिक समारोह बनाने और दिखाने का जतन किया जा रहा था उसमे धर्म के नाम पर भी भारत की, खुद हिन्दू धर्म की विविधताओं को नकार कर सिर्फ सनातन था ; वह भी इतना सतर्क और सावधान कि आशीर्वाद देने पधारे महंतों में सिर्फ साधू थे, साध्वियां अनुपस्थित थीं । “जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिये ज्ञान” जैसी फालतू की समझदारी से पूरी तरह बचने की समझदारी थी ; दण्ड थमाने जैसे कामों में भले अधीनम अधिष्ठाता रहे हों, मुख्य “पूजा” और अभिषेक का काम करने का अधिकार सिर्फ श्रंगेरी से बुलाये शुद्ध और शास्त्र सम्मत ब्राह्मण पुरोहितों के हाथ में था। पूरा देश शोर मचाता रहा कि इतने महत्वपूर्ण आयोजन से देश की राष्ट्रपति क्यों गायब हैं? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, “संघ के लिये एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी” जो संसद बनती ही राष्ट्रपति के साथ है वे उसी संसद के नये भवन के एकदम करीब अपने घर में अकेली क्यों बैठी हैं, इस उद्घाटन समारोह से अलग थलग क्यों रखी गई हैं ? एक अनुमान यह लगाया जा रहा है कि उन्हें इस आयोजन से इसलिए दूर रखा गया क्योंकि उनके आने से, उनकी शीर्षस्थ संवैधानिक हैसियत के चलते, नरेंद्र मोदी को उतना फुटेज नहीं मिलता जितना अब मिला। कैमरे के सामने अकेले ही बने रहने का मोदी-सिंड्रोम अब शब्दकोष में नारसीसिज्म का समानार्थी हो चुका है, इसे देखते हुए इस अनुमान में थोड़ी सचाई है मगर यह पूरा सच नहीं है। पूरा सच यह है कि इस सम्पूर्ण सनातनी आयोजन में मौजूदा राष्ट्रपति, जो महिला भी हैं और संस्थागत धर्मों में विश्वास न करने वाले सभी धर्मों से पुराने आदिवासी समुदाय की भी हैं के लिए जगह थी ही नही। उलटे उनका होना पूरी तरह सनातनी मान्यताओं के विरुद्ध होता। श्रंगेरी और बाकी प्रकांड सनातनी पुरोहित, जिन्होंने जन्मना वर्ण के कारण शिवाजी महाराज तक का राज्याभिषेक करने से ठोक कर मना कर दिया था, वे हाथ उठा उठाकर एक स्त्री और सो भी आदिवासी स्त्री को आशीर्वाद देकर अपना कथित सनातनत्व कैसे भ्रष्ट करते। मोदी अपने भाषण में जिसे मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी के विशेषण से संबोधित करते थे उसमे से उस लोकतंत्र की संवैधानिक मुखिया को अलग बिठाना संसद को क्रैडल ऑफ़ मनुवाद (मनुवाद का पालना) बनाने की ओर एक बड़ा कदम था।संसद सर्वोच्च लोकतांत्रिक निकाय होती है – उसे लोकतंत्र का मन्दिर कहना ही गलत रूपक है । जिस तरह किसी पारसी के प्रधानमंत्री बनने पर संसद आतिश बेहराम या दर-ए मेहर, किसी यहूदी के बनने पर सिनेगॉग, किसी सिख के बनने पर गुरुद्वारा, किसी मुसलमान के बनने पर मस्जिद , किसी जैन के बनने पर देरासर , किसी बौद्ध के बनने पर चैत्य सभामंडप, किसी आदिवासी के बनने पर सरना स्थल या बड़ा देव नहीं हो जाती उसी तरह किसी सनातनी के प्रधानमंत्री होने भर से उसे मंदिर नहीं कहा जा सकता । मनुष्य समाज इन तंग और अंधेरी गलियों से बहुत छटपटाहट के बाद बाहर निकला है और संविधान सम्मत लोकतंत्र की खुली हवा में सांस लेना सीखा है। इसे उलटने से जो फिसलन शुरू होती है वह कहाँ ले जायेगी इसका हालिया उदाहरण तुर्की और उसका राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान है । भारत इसलिए भारत बना है क्योंकि उसने इस फिसलन पर जाने का रास्ता नहीं चुना है। मगर जो इस भारत की निर्माण प्रक्रिया में कभी रहे ही नहीं, उनके लिए इन बातों का कोई महत्व कहाँ?कर्मकाण्डी हुकूमत के हिसाब से भी 28 मई का दिन कोई बहुत मांगलिक शुभमुहूर्त का दिन नहीं था – सिवाय इसके कि यह मौजूदा हुक्मरानों के वैचारिक आराध्य विनायक दामोदर सावरकर की 140वी जयन्ती थी । यही दिन संसद उदघाटन के लिए चुना जाना सिर्फ संयोग नहीं है – यह सायास चयन है । वे सावरकर जिन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगने और उनका सेवक बनकर काम करने के अपने जगजाहिर आचरण के अलावा उस हिंदुत्व का शब्द और हिंदुत्वी राज की अवधारणा गढ़ी थी, जिसका हिन्दू धर्म या भारत की परम्पराओं के साथ लेशमात्र का भी संबंध नहीं है। वे सावरकर जिन्होंने हिन्दू और मुसलामानों के लिए अलग अलग देशों वाला द्विराष्ट्र सिद्धांत देकर भारत विभाजन का विषबीज बोया था। जो गांधी हत्याकांड में अभियुक्त थे, जिन्होंने हिंसा और बलात्कार को राजनीतिक औजार बताने का काम तक किया था। भले खुद प्रधानमंत्री उनका नाम लेने का साहस नहीं कर पा रहे थे, किन्तु उनके कुनबे और नत्थी मीडिया ने बार बार इसे बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी।बिना किसी अतिरंजना के कहा जाए तो संसद का नया भवन एक ऐसा रंगमंच था जिस पर संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के बचे खुचे झीने वस्त्रों को तार तार किया जा रहा था, यह उस हिंदुत्वी राष्ट्र की स्क्रिप्ट – हॉरर ट्रेजेडी – की ड्रेस रिहर्सल थी, जिसे जल्द से जल्द फ़ाइनल शो में दिखाया जाना है, सूत्रधारों की चली तो 2025 में मंचित कर दिखाना है। यह ड्रेस रिहर्सल राजपथ पर खड़े इस देश के संसदीय और राजनीतिक इतिहास के सबसे महंगे, विराट स्टेज पर ही नहीं हो रही थी, जनपथ पर जंतर मंतर की दर्शक दीर्घा में भी दिखाई जा रही थी। इधर मदर ऑफ डेमोक्रेसी का जाप हो रहा था उधर दुनिया के अखाड़ों में सामने वालों को पटखनी देकर सोना, चाँदी, काँसा जीतकर आने वाली लड़की – अपने जैसी दूसरी लड़कियों के साथ – अपने ही घर में पटकी, घसीटी, नोची और रौंदी जा रही थी। अमरीका में मार डाले गए जॉर्ज फ्लॉयड की तरह पुलिस की बूट उसकी गर्दन पर रखा जा रहा था। अब जब सब कुछ मोदी ही करते हैं, जब 28 मई को दिल्ली में जो भी कर रहे थे मोदी ही कर रहे थे तो जाहिर है कि जंतर मंतर पर भी जो हो रहा था वह भी उन्हीं के करने पर हो रहा था। अपने दुशासनो के खरदूषण अवतार, अपनी पार्टी के सांसद बृजभूषण को बचाने के लिए सारा दलबल झोंका जा रहा था, दुर्योधन की कौरव सभा में द्रौपदी को निरावृत किये जाने की हुंकार और यलगारें की जा रही थी, धृतराष्ट्र खुद व्यूह रचना की कोरियोग्राफी में लगे थे, जिनसे सर्वोच्च न्याय की उम्मीद थी वे भीष्म न जाने कब खुद ही शरशय्या पर जा लेटे थे। शकुनि स्टूडियो का मालिक बना बैठा था जिसमे बैठे शिशुपाल प्रचंड स्वर में एंकरिंग करते हुए महाभारत की गालियाँ दोहरा रहे थे।इधर कारपोरेट के उधार की दम पर राजतंत्र के श्रृंगार की धजा थी तो उधर, इन सबसे दूर देश के प्राचीनतम नगरों में से एक उज्जैन के प्राचीन मन्दिर महांकाल में ज़रा सी तेज हवा में सैकड़ों करोड़ रुपयों के भ्रष्टाचार की गंदगी में डुबोकर खड़ी की गयी सप्तऋषियों की विराटाकार प्रतिमाएं टूट-फूटकर लुंठित पड़ी थीं, धूल धूसरित हो रही थी। मोदी यहाँ भी थे – इन मूर्तियों के उदघाटन में वे ही तो गए थे और इन्हें सदियों की परम्परा को सदियों तक आगे ले जाने का निर्माण बताकर आये थे।इस तरह 28 मई को जहां एक तरफ ऐसी वेदी सजाई जा रही थी जिसमे देर सबेर सब कुछ की बलि देकर स्वाहा किया जा सके, दूसरी तरफ ज़रा सी हवाएं साबित कर रही थीं कि उनमे सारा शीराजा बिखेरने की कितनी शक्ति है। ये ज़रा सी हवाएं इतना कुछ कर सकती हैं तो जब जनता के आक्रोश की आंधी उठेगी, तो इनके नाम पर बहकाने, बहलाने और सैकड़ों करोड़ कमाने वालों को भी नहीं बख्शेंगी।(लेखक लोकजतन के संपादक और अखिल भारतीय किसान सभा के संयक्त सचिव हैं।
सूत्र तीन ट्रेन आपस में टकराई। 200 से अधिक यात्रियों की मौत।
बचाव और राहत कार्य में तेजी से जुटे लोग ।रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे की-की घोषणा। गंभीर घायलों को दो -दो लाख ₹ की घोषणा। सामान्य घायलों को भी 50-50,हजार रू. की घोषणा। उड़ीसा के बालासोर में भीषण रेल दुर्घटना। दो ट्रेनों की आमने सामने टक्कर। बाद में तीसरी ट्रेन भी टकराई । 900 से अधिक घायल । अस्पताल में किए जा रहे हैं भर्ती।10 से 12 डिब्बे पटरी से उतरे और दूसरे ट्रैक पर जाकर गिरे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्री से की बात। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव दिल्ली से घटनास्थल के लिए हुए रवाना।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं ने भी घटना पर दु:ख जताया। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कंट्रोल रूम पहुंचे।
उद्योग से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर करें सुनिश्चतः उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक
‘‘बच्चों के चेहरे की किलकारियां सारे कष्ट करती है दूर‘‘, समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक माह में खिलौने उपलब्ध करायें : उप मुख्यमंत्री
ओवर बिलिंग किसी भी हालत में स्वीकार नहीः उप मुख्यमंत्री
सड़कों को शत प्रतिशत गढ्ढामुक्त किया जायेः उप मुख्यमंत्री**जनपद में चिकित्साकों की उपलब्धता एक माह में करें सुनिश्चितः उप मुख्यमंत्री
कानपुर देहात समीक्षा कार्यो में गतिशीलता एवं उद्देश्यां को पूरा करने में सक्रिय भूमिका का निर्वाहन करती है, इसी उद्देश्य से मा0 उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक की अध्यक्षता में मॉ मुक्तश्वरी देवी सभागार कक्ष कलेक्ट्रेट में एक बैठक का आयोजन किया गया, इसमें मा0 उप मुख्यमंत्री ने विभागवार उनके कार्यो की समीक्षा की, सर्वप्रथम उन्होंने उद्योग बन्धु की समीक्षा की, इस समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि जो भी उद्योग से सम्बन्धित शिकायत आती है उनको ससमय निस्तारित किया जाये, वहीं उन्होंने पीएम स्वानिधि में विशेष जोर देते हुए कहा कि स्टीट वेडर्स को वेंडिंग जोन में निर्धारित स्थल का आवंटन सुनिश्चित किया जाये, इसके बाद उन्होंने गौवंश की समीक्षा करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि कैटल कैचर को सम्पूर्ण साधनों से युक्त करते हुए उसे उपयोग हेतु बनाया जाये, किसी भी स्थिति में गौवंश सड़क में दिखाई न दे, गौवंश के सम्बन्ध में शासन द्वारा बनायी गयी किसी भी नीति में यदि किसी प्रकार की कोई भ्रम की स्थिति हो तो शासन से मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त करें, उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से यह जानना चाहा कि कुल कितने पशु एम्बुलेंस है और कितने सक्रिय है, इसके उत्तर में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद हेतु कुल 8 पशु एम्बुलेंस आवंटित हुई थी, जिसमें से 6 सक्रिय है तथा दो एम्बुलेंस चालक की अनुपउलब्धता के चलते उपयोग में नही आ रहे है, इस पर उप मुख्यमंत्री खासे नाराज दिखे और उन्होंने शासन से तत्काल वाहन चालक की मांग कर सक्रिय करने की बात कही। विद्युत विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि ओवर बिलिंग किसी भी हालत में न हो, शिकायत होने पर तुरंत कार्यवाही करें। वहीं चिकित्सा विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जनपद में संचालित हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टरों में विद्युत की सप्लाई निर्बाध रूप से हो। उन्होने मुख् चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक गांव में सीएचओ और पैथोलॉजी सेन्टर संचालित है, प्रत्येक पंचायत भवन में सीएचओ एवं पैथालॉजी के बारे में संदेश प्रसारित किया जाये जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसे जान सके तथा सीएचसी एवं पीएचसी के बजाय स्थानीय स्तर पर ही उनका इलाज उपलब्ध हो सके, जितने भी जनपद में चिकित्साकों के पद खाली है, उन्हें शीघ्र भरा जाये, जिससे आम नागरिकों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा का कार्य अत्यन्त पुण्य का कार्य है इसे जिम्मेदारी के साथ निर्वाहन करें, आष्युमान कार्ड के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि हमने आप को श्रम विभाग से उज्ज्वला लाभार्थियों व अन्त्योदय लाभार्थियों के आंकडे़ उपलब्ध करा दिये है, इन सभी के आयुष्मान कार्ड अवश्य बने जिससे इस योजना का लाभ इनको मिल सके, साथ ही उन्होंने कहा कि हर पंचायत सहायक व आशा वर्कर कम से कम 25 कार्ड हर दिन अवश्य बनाये, जिससे जनपद में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्ति किया जा सके। जनपद में बन रहे मेडिकल कालेज अगले सत्र में अवश्य तैयार हो जाये, जिससे जनपद के वासियों को चिकित्सा सेवाओं के लिए बाहर न जाना पड़े, साथ ही उन्होंने कहा कि मेडिकल अस्पताल के प्रांगण में ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाये जाये, जिससे इसका प्रांगण हरा भरा हो सके, और वहां एक बेहतर महौल पैदा किया जा सके। आंगनबाड़ी की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को एक माह में खेल के सामान अवश्य उपलब्ध करा दिये जाये, इससे न केवल बच्चों का बहुमुॅखी विकास होगा, उन्होंने कहा कि बच्चों के चेहरे में आने वाली किलकारियां सारे कष्ट को दूर कर देती है। पंचायती राज विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी सामुदायिक शौचालयों को सक्रिय किया जाये वहां पर बिजली, पानी जैसी सुविधायें अवश्य विकसित किया जाये। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी सामुदायिक शौचालयों का भौतिक सत्यापन आप द्वारा अवश्य किया जाये जिससे जमीनी हकीकत को पता किया जा सके, और उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाये जो कार्य पूर्ण न होने के बावजूद कार्य सत्यापन का प्रमाण पत्र दे देते है। पीडब्लूडी विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी सड़क ऐसी न रहे जो गढ्ढा मुक्त न हो, साथ ही उन्होंने बीसी और विद्युत सखी की विशेष रूप से प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि अत्यन्त सीमित संसाधनों के बावजूद भी बीसी और विद्युत सखियों ने अच्छा कार्य किया है इनको और ज्यादा प्रोत्साहित किया जाये। अन्त में उन्होंने कहा कि हमें अपने जनपद को अग्रणी जनपद के रूप में स्थापित करने के लिए एक टीम वर्क के रूप में कार्य करना होगा, शासन स्तर से जो भी सहयोग जनपद को चाहिए वह सहयोग जनपद को अवश्य मिलेगा। सरकारी कार्यो को अपना कार्य समझ कर करे तभी जनपद विकास के पथ पर अग्रसर होगा। बैठक से पूर्व मा0 उप मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत आयुष्मान कार्ड व राष्ट्रीय क्षय रोग के अन्तर्गत टीवी मरीजों को पोषाहार वितरित किया, उन्होंने कृषि विभाग में 5 एचपी सोलर पंप के लाभार्थियों व अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स महोत्सव के अन्तर्गत रागी बीज का वितरण भी सम्बन्धित कृषक लाभार्थियों को किया, उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग से प्राप्त होने वाले अनुदान से खरीदे जाने वाले स्कूल बैग को सम्बन्धित छात्र-छात्राओं को देहाती मार्ट के माध्यम से प्राप्त स्कूल बैग का वितरण किया। उन्होंने युवा कल्याण विभाग के अन्तर्गत युवा व महिला मंगल दल को खेल किट, प्रधानमंत्री आवास शहरीय के अन्तर्गत पांच लाभार्थियों को आवंटित आवासों की चाभी वितरित की गयी। साथ ही उन्होंने उपस्थित सभी को पर्यावरण सुधार में अपनी महती भूमिका का निर्वहन हेतु शपथ भी दिलायी। इस मौके पर मा0 मंत्रीगणों में भानू प्रताप वर्मा, प्रतिभा शुक्ला, अजीत सिंह पाल, एमएलसी/भाजपा जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान व नवनिर्वाचित नगर निकाय अध्यक्षगण सहित जिलाधिकारी नेहा जैन, पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति, मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व जेपी गुप्ता, प्रशासन केशव नाथ गुप्ता आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के सराय गांव के समीप बाइक सवार होमगार्ड को एक बस चालक ने तेजी व लापरवाही से चलाते हुये टक्कर मार दी। टक्कर लगने से होमगार्ड घायल हो गया। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों के द्वारा एम्बुलेंस के माध्यम से उसे उपचार के लिये सीएचसी पुखरायां में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों के द्वारा उसका प्राथमिक उपचार किया गया।जानकारी के अनुसार देवराहट थाना क्षेत्र के गौरी गांव निवासी बृजभान सिंह होमगार्ड के पद पर तैनात है वह आज बाइक से माती मुख्याल जा रहा था। अभी वह सराय गांव के समीप पहुंचा ही था कि तभी उसकी बाइक में बस चालक ने तेजी व लापरवाही से चलाते हुये टक्कर मार दी। टक्कर लगने से बृजभान सिंह घायल हो गया। स्थानीय लोगों के द्वारा एम्बुलेंस के माध्यम से उसे उपचार के लिये सीएचसी पुखरायां में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों के द्वारा उसका प्राथमिक उपचार किया गया।
कानपुर देहात बरौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कुटरा गांव निवासी एक व्यक्ति ने गुरुवार को गांव के एक युवक के विरुद्ध बीते सात मई को अपनी नाबालिक पुत्री को बहला फुसलाकर कहीं भगा ले जाने संबधी शिकायती प्रार्थना पत्र थाना पुलिस को दिया है। बरौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने गुरुवार को गांव के एक युवक के विरुद्ध बीते सात मई को अपनी नाबालिक पुत्री को बहला फुसलाकर कहीं भगा ले जाने संबधी शिकायती प्रार्थना पत्र थाना पुलिस को दिया है।पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की है।थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने गुरुवार को पुलिस को शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि गांव के एक युवक द्वारा पिछले कुछ समय से उसके घर पर आना जाना था।बीते सात मई को उक्त युवक उसकी नाबालिक पुत्री को बहला फुसलाकर कहीं भगा ले गया है।काफी खोजबीन की लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है।थाना इंचार्ज सुरजीत सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
कानपुर देहात भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के चौरा गांव के समीप एक ट्रक ने एक ट्रैक्टर में टक्कर मार दी जिससे ट्रैक्टर के परखच्चे उड़ गये। ट्रक चालक मौके पर ही ट्रक छोड़कर भाग निकला। टक्कर लगने से ट्रैक्टर चालक मामूली रूप से घायल हो गया जिसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर उसका उपचार किया गया।जानकारी के अनुसार भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के चौरा गांव के समीप ट्रैक्टर में ट्रक चालक ने तेजी व लापरवाही से चलाते हुये टक्कर मार दी। टक्कर लगने से ट्रैक्टर के परखच्चे उड़ गये। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक मौके पर ही ट्रक को छोड़कर भाग निकला। टक्कर लगने से ट्रैक्टर चालक को मामूली चोटें आई जिसे उपचार के लिये निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों के द्वारा उसका प्राथमिक उपचार किया गया।