बुधवार, अक्टूबर 8, 2025
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पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस

न्यूज समय तक ब्यूरो शिवकरन शर्मा कानपुर देहात स्व.माता कनकरानी- स्व.पिता दर्शन सिंह एवं पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर कार्यक्रम की सुरुआत माo सांसद देवेन्द्र सिंह भोले उनकी पत्नी प्रेम शीला सिंह, विकास सिंह भोले, अध्यक्ष स्वामी विवेकानंद युवा समिति व अमित सिंह समस्त गढ़ी परिवार द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने हेतु श्रीमद्भागवत कथा का आचार्य शांतनु महाराज जी संग हवन पूजन करने के उपरांत प्रारंभ किया.परमपूज्य कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज अपने मुखार बिंदु से भागवत कथा मे आज बताया की जैन धर्म भी हमारे सनातन संस्कृति से ही उपजा है, हमारी संस्कृति सर्वोच्च है और प्रचिंनतम् है, भागवत कथा के चतुर्थ दिवस मे भगवान राम और कृष्ण के अवतारों का वर्णन किया. श्रीराम जन्म और लीलाओं के बारे मे भी बताया. श्रीकृष्ण जन्म की कथा (कृष्ण जन्मोत्सव) उनकी मनमोहक लीलाओं का वर्णन करते हुए उनके बारे मे और अपने सनातन संस्कृति के बारे में अवगत कराया.उन्होंने कहा की अपने स्वाद के लिए बेजुबान पशुओं का शिकार बंद करो, मांसाहारी न बने. अपने हिंदू धर्म और संस्कृति को भली भाँति जाने. उन्होंने बताया की वेद कभी हिंसा का समर्थन नही करते है. राम रस के बग़ैर मनुष्य का जीवन बिन जल मछली की तरह होता है. उन्होंने एक प्रसंग मे बताया की महाराज ऋषभ देव के पुत्र और भगवान राम के पूर्वज महाराज भरत के नाम पर ही अपने देश का नाम भारत पड़ा. उन्होंने हिंदुत्व को बल देने और वर्तमान काल को देखते हुए हिंदुओं को कम से कम दो से तीन बच्चों का परिवार बनाने के लिए कहा. उन्होंने बताया की आने वाले समय मे संख्या की लडाई नज़र आ रही है उसकी तैयारी अभी से शुरू करना जरूरी है. भागवत कथा सुनने मात्र से ही स्वर्ग का मार्ग प्रसस्त हो जाता है. कलयुग में भगवान राम व श्री कृष्ण का जप अति आवश्यक है उसी से कल्याण संभव है। *श्लोक* “ॐ श्रीरामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे ।रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः ॥”*अर्थ है की*“मैं श्रीराम, जो मंगलमय और कल्याणकारी हैं, जो चंद्रमा के समान शीतल हैं, जो समस्त सृष्टि के नियंता हैं, रघुवंश के स्वामी और सबके रक्षक हैं, तथा माता सीता के पति हैं — उन भगवान श्रीराम को प्रणाम करता हूँ।”2. “रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे ।रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः ॥”*अर्थ*“भगवान श्रीराम, जो राजाओं में रत्न के समान हैं और सदा विजय प्राप्त करते हैं, जिनकी मैं पूजा करता हूँ और जो स्वयं लक्ष्मीपति भगवान विष्णु के अवतार हैं, जिनके द्वारा राक्षसों की विशाल सेना का नाश हुआ — उन प्रभु श्रीराम को मैं नमस्कार करता हूँ।”*श्लोक*कृष्ण स्तुति”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”(भागवत कथा का मूल बीज मंत्र)इस पावन अवसर पर प्रतिदिन भागवत, हवन, भजन एवं प्रसाद वितरण भी होता रहेगा. कथा श्रवण करने के पश्चात अतिथियों व आम जनमानस ने प्रसाद ग्रहण कर अपने आप को त्रप्त किया.मा o सांसद देवेंद्र सिंह भोले व ह्रदय युवा सम्राट विकास सिंह भोले से कहा की आस पास के सभी श्रद्धालु श्री मद्भागवत् कथा को सुने और अपनी संस्कृति को जाने.आज उपस्थित अथितियों मे मुख्य रूप से मा.कमलावती सिंह, जगतवीर सिंह द्रोंड पूर्व कानपुर मेयर, नरेंद्र जादोंन पूर्व विधायक कालपी, राहुल (काला बच्चा) सोनकर विधायक बिल्हौर,पप्पू पाण्डे पार्षद, उमेश निगम जीविभाग प्रचारक कानपुर ब्रांच बैरिस्टर जी भाईसाहब व अन्य सकड़ो की संख्या मे गणमान्य जनमानस उपस्थित रहे.

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