बुधवार, अक्टूबर 8, 2025
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श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के द्वतीय दिन कार्यक्रम

श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा
स्थान – दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार कानपुर देहात
स्व.माता कनकरानी- स्व.पिता दर्शन सिंह एवं पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के द्वतीय दिन कार्यक्रम की सुरुआत माo सांसद देवेन्द्र सिंह भोले उनकी पत्नी प्रेम शीला सिंह, विकास सिंह भोले, अध्यक्ष स्वामी विवेकानंद युवा समिति व अमित सिंह तथा उनके साथ गजेंद्र सिंह -पूनम सिंह, राजेंद्र सिंह (राजू) नगर पंचायत अध्यक्ष)-नीरजरानी सिंह, (जिला पंचायत अध्यक्ष) जितेंद्र सिंह (मुन्ना)-पल्लवी सिंह, घनश्याम सिंह, समस्त गढ़ी परिवार द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने हेतु श्रीमद्भागवत कथा का आचार्य शांतनु महाराज जी संग हवन पूजन करने के उपरांत प्रारंभ किया.

परमपिता परमात्मा के आशीर्वाद से यह आयोजन 25/09/2025 से 01/10/2025 प्रतिदिन दोपहर 1.30 बजे से साय 6 बजे तक स्थान – दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार कानपुर देहात में सम्पन्न हो रहा है.

परमपूज्य कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज अपने मुखार बिंदु से जनमानस को
भागवत कथा का रसपान करा रहे है.
आचार्य शांतनु जी महाराज जी की भागवत कथा सुनने के लिए सहत्रो की संख्या मे जनमानस व श्रधालुओं तांता लगा रहा. कथा के श्रवण मात्र से ही पापों का नाश होता है, मन शुद्ध और निर्मल होता है, स्वर्ग का मार्ग प्रसस्त होता है. जन्म-जन्मांतर के विकार दूर होते हैं, आध्यात्मिक विकास होता है और सनातन संस्कृति को बल मिलता है.
कलयुग में मनुष्य का कल्याण भगवान के नाम के स्मरण (जाप) और भक्ति से हो सकता है, जो सबसे सरल और श्रेष्ठ मार्ग है। श्रीमद्भागवतम् के अनुसार, भक्ति योग कलयुग में मोक्ष प्राप्ति का सबसे प्रभावी तरीका है, खासकर नाम स्मरण से, जिससे व्यक्ति पापों से मुक्त होकर भगवान की प्राप्ति कर सकता है।
कलयुग में कल्याण के मार्ग:
भक्ति योग: कलयुग में भगवान को प्राप्त करने का सबसे सुगम और प्रभावी मार्ग भक्ति योग को माना जाता है।
नाम स्मरण: भगवान के नामों का जाप, जैसे ‘राम’, ‘कृष्ण’, ‘शिव’, या ‘हारे राम हरे कृष्ण’, करना कलयुग में कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
श्रीमद्भागवतम् का सहारा: शिव पुराण और श्रीमद्भागवतम् जैसे ग्रंथ कलयुग के दोषों से बचाव का उपाय बताते हैं।
कलयुग की स्थिति और लाभ:
कलयुग में हर तरफ पाप, अन्याय और दूषित आचार-विचार बढ़ जाते हैं, लेकिन इस युग में भगवान के नाम का स्मरण करने मात्र से भी कल्याण संभव है।
यह एकमात्र ऐसा युग है जिसमें केवल नाम जाप से भी भगवान की प्राप्ति हो जाती है, जैसा कि शास्त्रों में भी कहा गया है।
कलयुग के अंत में जब धर्म का पतन होगा और पाप बढ़ जाएंगे, तब ऐसे सत्कर्मी लोग ही बचेंगे जो अगले युग यानी सतयुग में दिव्यमान होंगे।
आचार्य शांतनु महाराज ने जनमानस से नारायण नारायण का निरंतर जप करने के लिए भी कहा. द्वितीय दिन की कथा से व्यक्तियों को आध्यात्म का ज्ञान मिला है. मनुष्यों की मनोकामनाओं की पूर्ति करने के लिए मात्र भागवत कथा को कल्पवृक्ष के समान माना जाता है, जिससे श्रवण करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्ञान की प्राप्ति: इस कथा से जीवन, सृष्टि, आत्मा और परमात्मा के बारे में संक्षिप्त ज्ञान मिलता है। मोक्ष का मार्ग: भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा जाता है। कथा सुनने से मृत्यु का भय दूर होता है और आत्मा को मोक्ष का मार्ग मिलता है.

श्लोक
अहमेवासमेवाग्रे नान्यद यत् सदसत परम।
पश्चादहं यदेतच्च योवशिष्येत सोस्म्यहम

अर्थ:
सृष्टि के आरंभ में केवल मैं (परमात्मा) ही था। मुझसे अलग कुछ भी नहीं था – न सत, न असत। सृष्टि के अंत के बाद भी मैं ही रहूँगा, और जो कुछ भी शेष

इस पावन अवसर पर प्रतिदिन भागवत, हवन, भजन एवं प्रसाद वितरण भी होता रहेगा. कथा श्रवण करने के पश्चात अतिथियों व आम जनमानस ने प्रसाद ग्रहण कर अपने आप को त्रप्त किया.

मा o सांसद देवेंद्र सिंह भोले व ह्रदय युवा सम्राट विकास सिंह भोले से कहा की सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि इस आध्यात्मिक महोत्सव में पधारकर धर्म, ज्ञान एवं भक्ति का लाभ प्राप्त करें।
आज उपस्थित अथितियों मे मुख्य रूप से
मा.सांसद गीता शाक्य
राकेश कुमार सिंह पूर्व (आईएएस)
भानु प्रताप पूर्व (आईपीएस)
आदर्श सिंह ब्लॉक प्रमुख विधूना डॉ विवेक द्विवेदी जी पूर्व ब्लाक प्रमुख डेरापुर व अन्य सकड़ो की संख्या मे गणमान्य सदस्य व पदाधिकारी व जनमानस उपस्थित रहे.

आयोजक :
मा. श्री देवेन्द्र सिंह भोले
सांसद- 44अकबरपुर कानपुर देहात
मो० 9013869447

न्यूज समय तक ब्यूरो शिवकरन शर्मा कानपुर देहात श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथास्थान – दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार कानपुर देहातस्व.माता कनकरानी- स्व.पिता दर्शन सिंह एवं पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के द्वतीय दिन कार्यक्रम की सुरुआत माo सांसद देवेन्द्र सिंह भोले उनकी पत्नी प्रेम शीला सिंह, विकास सिंह भोले, अध्यक्ष स्वामी विवेकानंद युवा समिति व अमित सिंह तथा उनके साथ गजेंद्र सिंह -पूनम सिंह, राजेंद्र सिंह (राजू) नगर पंचायत अध्यक्ष)-नीरजरानी सिंह, (जिला पंचायत अध्यक्ष) जितेंद्र सिंह (मुन्ना)-पल्लवी सिंह, घनश्याम सिंह, समस्त गढ़ी परिवार द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने हेतु श्रीमद्भागवत कथा का आचार्य शांतनु महाराज जी संग हवन पूजन करने के उपरांत प्रारंभ किया.परमपिता परमात्मा के आशीर्वाद से यह आयोजन 25/09/2025 से 01/10/2025 प्रतिदिन दोपहर 1.30 बजे से साय 6 बजे तक स्थान – दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार कानपुर देहात में सम्पन्न हो रहा है.परमपूज्य कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज अपने मुखार बिंदु से जनमानस कोभागवत कथा का रसपान करा रहे है.आचार्य शांतनु जी महाराज जी की भागवत कथा सुनने के लिए सहत्रो की संख्या मे जनमानस व श्रधालुओं तांता लगा रहा. कथा के श्रवण मात्र से ही पापों का नाश होता है, मन शुद्ध और निर्मल होता है, स्वर्ग का मार्ग प्रसस्त होता है. जन्म-जन्मांतर के विकार दूर होते हैं, आध्यात्मिक विकास होता है और सनातन संस्कृति को बल मिलता है.कलयुग में मनुष्य का कल्याण भगवान के नाम के स्मरण (जाप) और भक्ति से हो सकता है, जो सबसे सरल और श्रेष्ठ मार्ग है। श्रीमद्भागवतम् के अनुसार, भक्ति योग कलयुग में मोक्ष प्राप्ति का सबसे प्रभावी तरीका है, खासकर नाम स्मरण से, जिससे व्यक्ति पापों से मुक्त होकर भगवान की प्राप्ति कर सकता है। कलयुग में कल्याण के मार्ग:भक्ति योग: कलयुग में भगवान को प्राप्त करने का सबसे सुगम और प्रभावी मार्ग भक्ति योग को माना जाता है। नाम स्मरण: भगवान के नामों का जाप, जैसे ‘राम’, ‘कृष्ण’, ‘शिव’, या ‘हारे राम हरे कृष्ण’, करना कलयुग में कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्रीमद्भागवतम् का सहारा: शिव पुराण और श्रीमद्भागवतम् जैसे ग्रंथ कलयुग के दोषों से बचाव का उपाय बताते हैं। कलयुग की स्थिति और लाभ:कलयुग में हर तरफ पाप, अन्याय और दूषित आचार-विचार बढ़ जाते हैं, लेकिन इस युग में भगवान के नाम का स्मरण करने मात्र से भी कल्याण संभव है। यह एकमात्र ऐसा युग है जिसमें केवल नाम जाप से भी भगवान की प्राप्ति हो जाती है, जैसा कि शास्त्रों में भी कहा गया है। कलयुग के अंत में जब धर्म का पतन होगा और पाप बढ़ जाएंगे, तब ऐसे सत्कर्मी लोग ही बचेंगे जो अगले युग यानी सतयुग में दिव्यमान होंगे।आचार्य शांतनु महाराज ने जनमानस से नारायण नारायण का निरंतर जप करने के लिए भी कहा. द्वितीय दिन की कथा से व्यक्तियों को आध्यात्म का ज्ञान मिला है. मनुष्यों की मनोकामनाओं की पूर्ति करने के लिए मात्र भागवत कथा को कल्पवृक्ष के समान माना जाता है, जिससे श्रवण करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्ञान की प्राप्ति: इस कथा से जीवन, सृष्टि, आत्मा और परमात्मा के बारे में संक्षिप्त ज्ञान मिलता है। मोक्ष का मार्ग: भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा जाता है। कथा सुनने से मृत्यु का भय दूर होता है और आत्मा को मोक्ष का मार्ग मिलता है. *श्लोक* अहमेवासमेवाग्रे नान्यद यत् सदसत परम।पश्चादहं यदेतच्च योवशिष्येत सोस्म्यहम *अर्थ:* सृष्टि के आरंभ में केवल मैं (परमात्मा) ही था। मुझसे अलग कुछ भी नहीं था – न सत, न असत। सृष्टि के अंत के बाद भी मैं ही रहूँगा, और जो कुछ भी शेष इस पावन अवसर पर प्रतिदिन भागवत, हवन, भजन एवं प्रसाद वितरण भी होता रहेगा. कथा श्रवण करने के पश्चात अतिथियों व आम जनमानस ने प्रसाद ग्रहण कर अपने आप को त्रप्त किया.मा o सांसद देवेंद्र सिंह भोले व ह्रदय युवा सम्राट विकास सिंह भोले से कहा की सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि इस आध्यात्मिक महोत्सव में पधारकर धर्म, ज्ञान एवं भक्ति का लाभ प्राप्त करें।आज उपस्थित अथितियों मे मुख्य रूप से मा.सांसद गीता शाक्य राकेश कुमार सिंह पूर्व (आईएएस) भानु प्रताप पूर्व (आईपीएस)आदर्श सिंह ब्लॉक प्रमुख विधूना डॉ विवेक द्विवेदी जी पूर्व ब्लाक प्रमुख डेरापुर व अन्य सकड़ो की संख्या मे गणमान्य सदस्य व पदाधिकारी व जनमानस उपस्थित रहे.आयोजक : मा. श्री देवेन्द्र सिंह भोले सांसद- 44अकबरपुर कानपुर देहात मो० 9013869447

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