न्यूज समय तक ब्यूरो शिवकरन शर्मा कानपुर देहात श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा स्थान – दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार कानपुर देहातकानपुर देहात, तिथि : 29/09/2025स्व.माता कनकरानी- स्व.पिता दर्शन सिंह एवं पूर्वजों की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस पर कार्यक्रम की सुरुआत माo सांसद देवेन्द्र सिंह भोले उनकी पत्नी प्रेम शीला सिंह, विकास सिंह भोले, अध्यक्ष स्वामी विवेकानंद युवा समिति व अमित सिंह समस्त गढ़ी परिवार द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने हेतु श्रीमद्भागवत कथा का आचार्य शांतनु महाराज जी संग हवन पूजन करने के उपरांत प्रारंभ किया.परमपूज्य कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज अपने मुखार बिंदु से भागवत कथा मे आज बताया की भागवत कथा के पंचम दिवस मे भगवान राम और कृष्ण के की बाल्या के समय उनके द्वारा की गई लीलाओं का वर्णन करते हुए भागवत कथा ज्ञान रस बांटते हुए कहा की हर मनुष्य को पारिवारिक सुख का आनंद लेते हुए अपने प्रभु को कभी नही भूलना चाहिए, संतान कोई भी हो वो चाहे बेटा हो या बेटी उसमे कोई फर्क नही करना चाहिए.ॐ श्रीकृष्णाय नमः।यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।आचार्य शांतनु जी महाराज से कहा कि आज की इस भागवत कथा में हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चिंतन करेंगे — *“बेटा-बेटी एक समान, बेटी दो कुलों को बढ़ाती है”।* नारी की महिमा के विषय भागवत पुराण में कहा गया है कि *स्त्री केवल शरीर नहीं, वह संस्कार और संस्कृति की आधारशिला है।* भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि *“जहां नारी का आदर होता है, वहां लक्ष्मी का निवास होता है।”* बिना नारी के न तो समाज है, न संस्कृति, न ही जीवन का सौंदर्य। *बेटी दो कुलों की शोभा* बेटा केवल एक कुल को आगे बढ़ाता है, लेकिन बेटी मायके और ससुराल – दोनों का मान बढ़ाती है। मायके में वह माता-पिता का गौरव बनती है। और ससुराल में वह अपने संस्कारों से नया घर स्वर्ग बना देती है। इसीलिए कहा गया बेटी दो कुलों की लक्ष्मी है।भागवत कथा के अनेक प्रसंग नारी-शक्ति के बिना अधूरे हैं जैसे कि सीता माता ने जनक कुल और रघुकुल, दोनों का मान बढ़ाया।उन्होंने कहा प्रिय भक्तजनो, कथा हमें सिखाती है कि बेटा-बेटी में भेदभाव करना अधर्म है। *श्लोक* “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता”।जिस घर में बेटी का सम्मान होता है, वहां सुख-शांति और समृद्धि स्वयं निवास करती है।बेटी बोझ नहीं, वरदान है।वह कुल की शोभा है, संस्कारों की धरोहर है और भगवान की सबसे सुंदर भेंट है।अतः आइए, हम सभी संकल्प लेंबेटा-बेटी एक समान मानेंगे,बेटी को शिक्षा और संस्कार देंगे,उसे परिवार और समाज में उचित स्थान देंगे।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।*जीवन में सबसे बड़ा रिश्ता मित्रता का है* अनेक रिश्ते होते हैं – माता-पिता, भाई-बहन, गुरु-शिष्य… लेकिन एक ऐसा रिश्ता है, जो रक्त से नहीं, बल्कि हृदय से जुड़ता है — और वह है मित्रता।मित्रता को परिभाषित करते हुए उन्होंने श्री कृष्ण और सुदामा व उनके प्रिय शिष्य अर्जुन का प्रसँग सुनाते हुए कहा कि मित्रता का अर्थ केवल हँसी-मज़ाक करना या साथ घूमना नहीं है।मित्रता का अर्थ है कि सुख-दुःख में साथ देना, धर्म और सत्य के मार्ग पर प्रेरित करना, और निःस्वार्थ भाव से एक-दूसरे का हित चाहना।संस्कृत शास्त्र में कहा गया है : *“सुखे दुःखे च यो मित्रं भवेच्च सुमनाः सदा।* *सः मित्रं परमं ज्ञेयं प्राणैरपि सुहृद्भवेत्॥”* अर्थात सच्चा मित्र वही है, जो सुख और दुःख दोनों में समान भाव से खड़ा रहे, और प्राणों से भी बढ़कर मित्र का हित सोचे।भागवत कथा अनुसार मित्रता का सबसे बड़ा उदाहरण दिया कि जब निर्धन सुदामा द्वारका पहुँचे तो भगवान ने स्वयं उन्हें गले लगाया। यहाँ मित्रता का संदेश है कि सच्चा मित्र कभी अमीरी-गरीबी, ऊँच-नीच का भेद नहीं करता।वहीं श्रीकृष्ण और अर्जुन का उदाहरण देते हुए कहा की अर्जुन ने भगवान को केवल देवता नहीं, अपना सखा माना। गीता में भगवान स्वयं अर्जुन को संबोधित करते हैं कि:- *“भक्तोऽसि मे सखा चेति।”*अर्थात *“अर्जुन! तू मेरा भक्त भी है और मेरा सखा भी।”* कथा के मध्य काल मे आचार्य शांतनु जी महाराज ने पर्मेश्वर् की लीलाओं के साथ- साथ 16 संस्कारों का भी वर्णन किया और कहा की जो इन संस्कारों को अपनी आने वाली पीढ़ियों को परोसेगा वह सनातन संस्कृति के संस्कारों का सृजन करेगा और हिंदुत्व को बढ़ावा देंगे.इस पावन अवसर पर प्रतिदिन भागवत, भजन कीर्तन एवं प्रसाद वितरण भी होता रहेगा. मा o सांसद देवेंद्र सिंह भोले व ह्रदय युवा सम्राट विकास सिंह भोले से कहा की आस पास के सभी श्रद्धालु श्री मद्भागवत् कथा को सुने और अपनी संस्कृति को जाने.आज उपस्थित अथितियों मे मुख्य रूप से मा. रमेश अवस्थी (सांसद कानपुर नगर) मा. महेश त्रिवेदी (विधायक कानपुर नगर) श्री अनिल दीक्षित जिला अध्यक्ष कानपुर उत्तरश्री मति अनुराधा अवस्थी (ब्लॉक प्रमुख) श्री राकेश कटिहार ब्लॉक प्रमुखश्री श्याम सिंह सिसौदिया पूर्व जिला अध्यक्ष व अन्य सकड़ो की संख्या मे गणमान्य जनमानस उपस्थित रहे.आयोजक : मा. श्री देवेन्द्र सिंह भोले सांसद- 44अकबरपुर कानपुर देहात मो० 9013869447

