इफ्तिखाराबाद टर्र के मेला कैम्प से मेले में आये लोगो को ईद की मुबारकबाद

कानपुर न्यूज़ समय तक थाना रायपुरवा से संवाददाता विपिन वर्मा कि खास खबर आज इफ्तिखाराबाद टर्र के मेला कैम्प से मेले में आये लोगो को ईद की मुबारकबाद देते iNDiA गठबंधन से लोकसभा के प्रत्याशी माननीय आलोक मिश्रा जीप्रमुख लोगों में:- इन्द्र कुमार खन्ना, शादाब हुसैन(रुमी), अतुल त्रिपाठी, ज्ञानेन्द्र भारतीय, डी० एन० मालवीय, मनोज कुमार, विनय सेन, अब्दुल खालिक, मो० तारिक, मो० सैफ, मो० मुदस्सर, अनिल विधार्थी, अफजाल कुरैशी,आदि।

कानपुर में एक बार फिर चला ऑपरेशन सुदर्शन का सुदर्शन चक्र

कानपुर में एक बार फिर चला ऑपरेशन सुदर्शन का सुदर्शन चक्र

न्यूज़ समय तक थाना कल्याणपुर क्षेत्र से 85 पेटी विभिन्न प्रकार के ब्रांड, 20 बोतल, 80 हाफ व 201 क्वार्टर अवैध अंग्रेज़ी शराब बरामद**सूचना के आधार पर पुलिस ने मारी दबिश अवैध अंग्रेज़ी शराब के साथ गिरफ्तार किया अखिलेश्वर कुमार पांडेय को**अभियुक्त अखिलेश्वर कुमार पांडेय के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है।**इस गिरफ्तारी व अवैध शराब की बरामदगी में प्रभारी निरक्षक कल्याणपुर कुशल पाल सिंह, अपराध निरीक्षक वीरपाल सिंह, उप निरीक्षक देवेंद्र सिंह,सचिन सिरोही, हेड कांस्टेबल विष्णुपाल सिंह, कंटाबले हैप्पी दत्त , महिला हेड कांस्टेबल बीना व रेखा का योगदान सराहनीय रहा।*

पंजाब में बीडीपीओ ने 30,000/रूपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए

दिल्ली रिपोर्टर नरेश शर्मा की रिपोर्ट न्यूज़ समय तक पंजाब में बीडीपीओ ने 30,000/रूपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गएपंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान लुधियाना के पखोवाल मे तैनात ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी गुरमुख सिंह को 30,000/ रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है इस संबंध मे जानकारी देते हुए राज्य ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त पंचायत अधिकारी को ब्लॉक पखोवाल, लुधियाना में तैनात पंचायत सचिव परमजीत सिंह की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने सतर्कता ब्यूरो से संपर्क किया और आरोप लगाया है कि उक्त अधिकारी रिश्वत मांग रहा था शिकायतकर्ता ने बताया कि अब तक उन्होंने आपसी चंदा कर 30,000/रूपए जुटा लिए हैं लेकिन वे रिश्वत नही देना चाहतेप्रवक्ता ने बताया कि इस शिकयात की प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया जिसमें आरोपी बीडीपीओ को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में में 30,000/ रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार कर लिया गया है उन्होंने बताया कि आरोपी को कल कोर्ट पेश किया जाएगा और मामले की आगे जांच जारी है

बिजली का तार टूटने से किसान के खेत में लगी आग, गेहूं की फसल जली

न्यूज समय तक फिरोजाबाद ब्यूरो चीफ राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट

बिजली का तार टूटने से किसान के खेत में लगी आग, गेहूं की फसल जली

सिरसागंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव बिनाई में बिजली का तार टूटने से एक किसान के गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। विगत दिवस की दोपहर सुरेंद्र सिंह पुत्र सरवन सिंह निवासी ग्राम बिनाई के खेत में 11 हज़ार वोल्टेज का तार टूटकर गिर गया, जिससे किसान की करीब दो बीघा फसल जलकर राख हो गई। शाम 6 के करीब गांव के ही किसान प्रवेंद्र सिंह के खेत में भी बिजली की चिंगारी गिरने से ढाई बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई थी। सूचना पर पहुंचकर पुलिस प्रशासन ने आकलन किया है।

थाना पुलिस को पीड़ित के द्वारा तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत

न्यूज़ समय तक कानपुर ब्रेकिंग*👉कानपुर के गुजैनी थाना अंतर्गत *दो महीने पूर्व के वायरल वीडियो* का उच्च अधिकारियों द्वारा वीडियो का *संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव* से संबंधित *थाना पुलिस को पीड़ित के द्वारा तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत* कर *गिरफ्तारी का आदेश* दिया।।।*डीसीपी रविंद्र कुमार ने संबंधित पुलिस टीम को तत्काल प्रभाव से टीम गठित कर कार्यवाही करने आश्वासन दिया।**गुजैनी थाना प्रभारी विनय तिवारी ने तत्काल प्रभाव से मामले को संज्ञान में लेते हुए गिरफ्तार किया।*👉वरायल वीडियो में दिख रहे *अपराधी पंकज ठाकुर और अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही की।*👉गुजैनी *थाना प्रभारी विनय तिवारी* द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान होने के *चंद घंटे में किया गिरफ्तार* । 👉दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल।*बंद कमरे में एक युवक की पिटाई करते हुए आरोपियों का वीडियो हुआ था वायरल।* रजत शर्मासमाचार नेशन

अरमापुर में हो रही ईद की नमाज में बाधा पैदा करना सपा नेता को पड़ा भरी

न्यूज़ समय तक कानपुर ।अरमापुर में हो रही ईद की नमाज में बाधा पैदा करना सपा नेता को पड़ा भरी नमाज स्थल पर राजनीतिक दलों के पोस्टर लगा कर मार्ग अवरूद्ध कर रहे सम्राट विकास को डीसीपी वेस्ट ने लिया हिरासत में गोविंद नगर विधानसभा से सपा प्रत्याशी रहे सम्राट विकास को पुलिस ने किया गिरफ्तार आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई, गठबंधन प्रत्याशी आलोक मिश्रा मौके पनकी थाने पहुँचे थाना प्रभारी से सपा विधायक की हुई तीखी नोक झोंक सम्राट विकास को छोड़ने की जिद पर अड़े विधायक व गठबंधन प्रत्याशी ने खुद को गिरफ़्तार करने की कही बात सैकड़ो की संख्या में सपा सहित गठबंधन के कार्यकर्ताओं का पनकी थाने में लगा जमावड़ा

जिला पूर्ति कार्यालय से लेकर कोटेदारों तक भ्रष्टाचार व्याप्त है भरपूर मुख्यमंत्री का सपना हो रहा है चकनाचूर

न्यूज़ समय तक जिला पूर्ति कार्यालय से लेकर कोटेदारों तक भ्रष्टाचार व्याप्त है भरपूर मुख्यमंत्री का सपना हो रहा है चकनाचूर

👉 *भ्रष्ट कोटेदारों और सप्लाई इंस्पेक्टरों के हाथों की कठपुतली बन गया है जिला पूर्ति अधिकारी*________________________________________👉 *जिनका गलत है इरादा उन्होंने ओढ़ रखा है भ्रष्टाचार का लबादा*👉 *हसवा विकासखंड के औराई गांव के कोटेदार द्वारा 3 से 5 किलों राशन की जाती थी कटौती नहीं हुई अभी तक कोई कार्यवाही!?*_________________________________________📌 *स्पर्श भारत श्रीराम अग्निहोत्री* ___________________________________________✍️ *फतेहपुर*। सल्तनत के बादशाह योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का जो सपना देखा था वह सपना देश के प्रधानमंत्री के निर्देश पर पूरा तो हो रहा है किंतु कोटेदारों द्वारा संचालित होने के बाद भ्रष्टाचार का एक महाजिन्न मंडराने लगा है। इस बात की चर्चा है कोटेदारों और क्षेत्रीय सप्लाई इंस्पेक्टरों दो भ्रष्टाचार्यों की कठपुतली के गुलाम बनकर रह गए हैं। जिले में फैले कोटेदार भ्रष्टाचार की चर्चा जनपद से लेकर प्रदेश के गलियारों में जंगल की आग की तरह फैली हुई है। चर्चा इस बात की भी है कि कोटेदार से लेकर जिला पूर्ति विभाग ने भ्रष्टाचार का लबादा ओढ़ रखा है और इन्हीं दोनों भ्रष्टाचार के महारथियों का गुलाम जिला पूर्ति अधिकारी बन गया है। हैरत की बात तो यह है कि जिन गरीबों के नाम से इन कोटेदारों को दुकान का लाइसेंस दिया गया उक्त गरीबों के पेट में डाका डालने का काम किया जाता है सरकार की मनसा को दरकिनार रखते हुए भ्रष्टाचार के महाजिन्न ने कोटेदारो ने अपने कब्जे में दबोच रखा है। जिला पूर्ति विभाग में इस बात की जिला प्रशासन से लेकर शासन की गलियारों में गूंज रही । बहरहाल कुछ भी हो यदि कोटेदारों की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच करा ली जाए तो भ्रष्टाचार का महाजिन्न खुलकर सामने आ जाएगा। जहां आपको बताते चलें कि जनपद फतेहपुर के विकास खंड हसवां क्षेत्र के औराई गांव में कोटेदार सीमा देवी के द्वारा पिछले महीने का राशन वितरण किया जा रहा था जिसमें सरकार ने सभी कोटेदारों के यहां इस बार से ई पास मशीन के साथ इलेक्ट्रॉनिक कांटा भी जोड़कर दिया था जिस पर कोटेदारों के द्वारा उस कांटे में भी राशन काटने का जुगाड निकाल लिया गया। अर्थात् वह कहावत चरितार्थ होती हुई नजर आ रही है कि,साहब यह तो भारत है,यहां सब कुछ जुगाड से चलता है।तो वही अब कोटेदारों के द्वारा कार्य किया जा रहा है जिसमे सरकार के द्वारा कटौती रोके जाने के लिए जो इलेक्ट्रॉनिक कांटा दिया गया उसकी जगह पुराना कांटा का प्रयोग कर सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा।जहां उक्त मामले की खबर कई अखबारों की पन्नों की सुर्खियां भी बना था। जिसमें विभागीय जांच के नाम पर क्षेत्रीय सप्लाई इंस्पेक्टर अभी तक कोई संतुष्टि रिपोर्ट विभाग को नहीं दे पाए।जांच रिपोर्ट न मिलने से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्रीय इंस्पेक्टर के द्वारा कोटेदार से मोटी रकम लेकर मामले में खानापूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है।इतना ही नहीं क्षेत्रीय इंस्पेक्टर सुशील कुमार के द्वारा जब पत्रकारों को खुला ऑफर दिया जा सकता है तो साफ जाहिर है कि कोटेदार के द्वारा विभाग में लंबी मोटी रकम देकर साहब की जेब गरम कर दी गई है,जिस कारण अभी जांच रिपोर्ट लंबित पड़ी हुई है।जबकि कोटेदार के लड़कों का पुराने इलेक्ट्रॉनिक कांटे से राशन तौलने का वीडियो भी कैमरे में कैद है। इतना ही नहीं लड़कों द्वारा कहा गया की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के संरक्षण में चल रहा है और उनसे बात करायें क्या सब सिस्टम से कम होता!?

न सब का साथ, न सब का विश्वास

न्यूज़ समय तक न सब का साथ, न सब का विश्वास, विकास सिर्फ धन्नासेठों का**(आलेख : राजेंद्र शर्मा सब का साथ, सब का विकास, सब का विश्वास, सब का प्रयास’ और ‘सब को न्याय, तुष्टीकरण किसी का नहीं।’मोदी राज के ये नारे, झूठ बोलने में इस राज के दूसरे सभी नारों से भी आगे हैं। सच्चाई यह है कि यह झूठा नारा लगाते-लगाते, संघ-भाजपा ने स्वतंत्र भारत की धर्मनिरपेक्षता की प्रतिबद्घताओं को पलटते हुए, देश पर ऐसा राज थोपा है, जिसने अल्पसंख्यकों को तो ज्यादा से ज्यादा ‘पराया’ बनाया ही है, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और महिलाओं को भी ज्यादा से ज्यादा दबाया है। इसका नतीजा अल्पसंख्यकों, खासतौर पर मुसलमानों व ईसाइयों के खिलाफ तेजी से बढ़ते हमलों के साथ-साथ सभी वंचितों के खिलाफ बढ़ते हमलों के रूप में सामने आ रहा है। इसीलिए, तो राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजातरीन यानी 2022 के आंकड़े, अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के खिलाफ अपराधों तथा अत्याचारों में तो बढ़ोतरी दिखाते ही हैं, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी पूरे 4 फीसद बढ़ोतरी दिखाते हैं।ईसाई धार्मिक स्थलों तथा शिक्षा संस्थाओं के खिलाफ आम हमलों के अलावा, आदिवासी इलाकों में ईसाई आदिवासियों के खिलाफ संघ परिवार द्वारा विशेष रूप से हमलावर अभियान चलाए जा रहे हैं। आदिवासियों पर हिंदू धार्मिक तौर-तरीके थोपने की कोशिश करने के अलावा, जिसका आदिवासियों का एक हिस्सा प्रतिरोध भी कर रहा है, ईसाई आदिवासियों का अनूसूचित जाति का दर्जा समाप्त करने की मांग का अभियान भी अब इस मुद्दे का एक महत्वपूर्ण पहलू हो गया है। वास्तव में आदिवासियों के अनुसूचित जाति के दर्जे को खत्म कराने के इसी हथियार का, मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई उग्रवादियों द्वारा कुकी समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है। याद रहे कि उत्तर-पूर्व के इस संवेदनशील राज्य में मैतेई तथा कुकी समुदायों के बीच के इथनिक विभाजन को, हिंदू-ईसाई टकराव के रूप में तब्दील करने की, मौजूदा शासन तथा संघ परिवार की राष्ट्रविरोधी कोशिशों के चलते ही, मणिपुर दस महीने से ज्यादा से जल रहा है।इसीलिए, हैरानी की बात नहीं है कि प्यू रिसर्च सेंटर के धार्मिक समुदायों के बीच की खाई को दर्शाने वाले ‘सोशल होस्टिलिटीज इंडैक्स’ पर, भारत को ‘बहुत ऊंचा’ की श्रेणी में रखा गया है, पाकिस्तान तथा श्रीलंका के साथ सबसे ऊपर। और इस सूचकांक पर 2019 और 2020 के बीच, हालात का और बिगडऩा भी दर्ज किया गया है। नौबत यह है कि नरसंहार या होलोकॉस्ट के खतरों पर नजर रखने वाली संस्थाओं/ विशेषज्ञों ने भारत के नरसंहारों की कगार पर पहुंच जाने की चेतावनियां देना भी शुरू कर दिया है। जाहिर है कि इसका रास्ता, नफरती बोल-वचन के बढ़ते प्रकोप से बन रहा है और इसे केंद्र तथा अनेक राज्यों में सत्ता में बैठी भाजपा की खुली शह ने, एक महामारी ही बना दिया है। इसी की पूरक है फेक न्यूज की महामारी। इसके मामले में तो गज़ा में इजरायली नरसंहार के बीच यह तथ्य भी सामने आया है कि मौजूदा निजाम की शह पर भारत, दुनिया भर की मुस्लिम/ इस्लामद्वेषी फेक न्यूज की राजधानी तो पहले ही बन भी चुका है।एक और झूठा दावा बार-बार दोहराया जाता है कि मोदी के राज में कोई दंगे नहीं होते। इस झूठे दावे से वे दो मकसद साधने की कोशिश करते हैं। एक, कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर मोदी राज की छवि चमकाना। दूसरे, यह दिखाना कि मोदी से पहले रहे उन शासनों में ही दंगे होते थे, जिन्हें वे अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने वाले शासन बताते हैं। यानी दंगे अल्पसंख्यकों को छूट दिए जाने की वजह से ही होते हैं और मोदी राज ने और भाजपा की राज्य सरकारों ने, ‘सख्ती’ का रुख अपनाकर रोक दिया है! उत्तर प्रदेश के भाजपायी मुख्यमंत्री, आदित्यनाथ ने तो राज्य में 2017 से 2021 के बीच ‘एक भी दंगा नहीं होने’ का ही दावा कर दिया था।लेकिन, यह सफेद झूठ है। मोदी राज में तमाम सरकारी आंकड़ों से की गयी छेड़छाड़ के हिस्से के तौर पर, सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को कम कर के दिखाने की कोशिश किए जाने के बावजूद, उपलब्ध सरकारी आंकड़े भी यही कहते हैं कि मोदी राज में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं लगातार और अच्छी-खासी संख्या में होती रही हैं। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री, नित्यानंद राय ने 7 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में यह जानकारी दी थी कि 2017 से 2021 तक, मोदी राज के पांच साल में सांप्रदायिक हिंसा की 2,900 घटनाएं दर्ज हुई थीं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, मोदी राज के पहले तीन वर्षों में यानी 2014 से 2016 तक ऐसी हिंसा की 2,885 घटनाएं दर्ज हुई थीं। दूसरी ओर, 2022 में भी 272 घटनाएं दर्ज हुई थीं। यूनाइेड क्रिश्चियन फोरम ने 2023 के पहले छ: महीने में ही ईसाईविरोधी हिंसा के 525 मामले दर्ज किए थे।लेकिन, ये संख्याएं तो सिर्फ भाजपा राज में कोई दंगा नहीं होने का झूठा होना ही दिखाती हैं। वास्तविक स्थिति इससे बहुत भयानक है। 2020 की फरवरी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे, 2023 की जुलाई के हरियाणा के नूह के दंगे और 2024 के उत्तराखंड में हल्द्वानी के दंगे, इस कडु़वी सच्चाई को दिखाते हैं कि भाजपा के राज में पुलिस-प्रशासन को ज्यादा से ज्यादा मुस्लिमविरोधी सांप्रदायिक दमन के हथियार में तब्दील किया जा रहा है। और प्रशासन के खुद दंगाई की भूमिका संभाल लेने से, जाहिर है कि बाकायदा दंगों की जरूरत बेशक कुछ कम हो जाती है। अल्पसंख्यकों पर हमले और दमन को, बेशर्मी से राजकीय कार्रवाई का रूप देकर छुपाया जा सकता है।दूसरी ओर, सांप्रदायिक हिंसा का इकतरफापन तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान राजधानी दिल्ली से लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बंगाल व अन्य कई राज्यों में, कथित हिंदू नव वर्ष से लेकर, राम नवमी तथा हनुमान जयंती तक के बहाने से, भड़काऊ जुलूस निकालकर, सरासर इकतरफा हिंसा की गयी है और पुलिस-प्रशासन द्वारा पूरी तरह से इकतरफा कार्रवाइयां की गयी हैं। इनमें भाजपा सरकारों की बुलडोजर कार्रवाइयां भी शामिल हैं।वास्तव में मोदी के राज में बुलडोजर को बहुसंख्यकवादी सरकारी जोर-जब्र की निशानी ही बना दिया गया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में ऐसी 128 कार्रवाइयों को दर्ज किया गया है, जिनमें 600 लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें ज्यादातर मुसलमानों को ही निशाना बनाया गया गया है। ऐसी सबसे ज्यादा 56 कार्रवाइयां भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दर्ज हुई हैं। गुजरात की भाजपा सरकार के गृहमंत्री ने पिछले ही दिनों बाकायदा विधानसभा में गर्व के साथ ऐलान किया कि, ‘108 मजारें ध्वस्त हो चुकी हैं। पूरे राज्य में मुख्यमंत्री का बुलडोजर घूम रहा है।’यह यकायक नहीं हो गया है। इन दस वर्षों में सिर्फ प्रकटत: धार्मिक मुद्दों को लेकर ही नहीं, गोरक्षा, लव जेहाद, धर्मांतरणविरोध, आबादी विस्फोट की चिंता, धारा-370 का खात्मा, समान नागरिक संहिता, नागरिकता अधिकार संशोधन आदि-आदि के नाम पर, तुष्टीकरण विरोध के झूठे नारे की आड़ में, जिस तरह एक के बाद एक अल्पसंख्यकविरोधी तथा सबसे बढ़कर मुस्लिमविरोधी अभियान छेड़े गए हैं, उन्हीं के सहारे देश मौजूदा हालात तक पहुंचा है। सिख अल्पसंख्यक तक इन अभियानों से अछूते नहीं रहे हैं और अपने ऊपर हिंदू पहचान थोपे जाने के खिलाफ, पृथक धार्मिक समुदाय के रूप में अपनी पहचान की रक्षा के लिए लड़ते रहे हैं। सत्ताधारी संघ परिवार की हिंदू राष्ट्र की पुकारों और शासन के हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक अमल से, हाशिए पर पड़ी सिख अलगाव की धाराओं को भी बल मिल रहा है।उत्तराखंड में कथित समान नागरिक कानून के जरिए एक ही झटके में, मुस्लिम निजी कानून को अवैध और उनके पालन को अपराध बना दिया गया है। यह भी वर्तमान शासन के मुस्लिम-द्वेष का ही उदाहरण है कि उच्च शिक्षा में मुसलमानों के पिछड़ेपन को कम करने के लिए, यूपीए के राज में जो मौलाना आजाद स्कॉलरशिप शुरू की गयी थी, उसे बंद करने के बाद, अब मोदी सरकार ने मौलाना आजाद फाउंडेशन को भी भंग कर दिया है। यह कार्रवाई इतनी मनमानी की है कि इसे अदालत में भी चुनौती दी गयी है।इन्हीं हालात का एक और महत्वपूर्ण संकेतक है — बढ़ती सांप्रदायिक भीड़ हिंसा या मॉब लिंचिंग। गोरक्षा के नाम पर और लव जेहाद के विरोध के नाम पर, संगठित भीड़ हिंसा में विशेष तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 2014 से अगस्त 2022 के बीच, गाय के नाम पर हिंसा के 206 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 850 लोग प्रभावित हुए। इनके शिकारों में दलित व ईसाई भी शामिल हैं, किंतु 86 फीसद हिस्सा मुसलमानों का ही था। ऐसी 97 फीसद घटनाएं मोदी राज आने के बाद ही हुई थीं। गो तस्करी के नाम पर पहलू खान और घर पर गाय का मांस रखने के नाम पर अखलाक की भीड़ हत्याओं से शुरू हुआ यह सिलसिला न सिर्फ लगातार जारी है, इन हिंसक गिरोहों के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसका सबूत 2023 के शुरू में हरियाणा में हुआ भिवानी का नासिर-जुनैद हत्याकांड है। गोकुशी और गोमांस के मामले में भाजपा के रुख का दोमुंहापन हैरान करने वाला है। जहां राजनीतिक-चुनावी स्वार्थ इसकी मांग करते हैं, जैसे गोवा में, उत्तर-पूर्व के राज्यों में, यहां तक कि केरल जैसे राज्यों में भी, भाजपा गोकुशी के मुद्दे पर चुप साधने से लेकर, गोमांस सस्ता, सुलभ कराए जाने की मांग उठाने तक चली जाती है। और उत्तरी भारत में वही भाजपा, गोरक्षा के नाम पर अपने गुंडादलों द्वारा हिंसा, यहां तक कि लिंचिंग तक का बचाव करती है।यह सब हो रहा है मोदी राज में शासन के शीर्ष से धर्मनिरपेक्षता का एक तरह से त्याग ही कर के, शासन का हिंदुत्वकरण किए जाने से। अयोध्या में राम मंदिर के शिलापूजन में प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य यजमान बनने से इसके प्रत्यक्ष संकेत दिए जाने की औपचारिक शुरूआत हुई थी और इसे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पूरी तरह से शासन प्रायोजित ईवेंट में चरमोत्कर्ष पर पहुंचा दिया गया। और संसद से मोहर लगवा कर, बहुसंख्यकों के इस धार्मिक आयोजन को, बाकायदा राष्ट्रीय आयोजन बना दिया गया। इससे पहले, सेंगोल की संसद में स्थापना के जरिए भी, इस सिलसिले को आगे बढ़ाया गया था।इसी सब के पूरक के रूप में वर्तमान सत्ताधारी पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में और उत्तर-पूर्व को छोड़कर अधिकांश विधानसभाओं में अपना, मुस्लिम-ईसाई अल्पसंख्यक मुक्त होना सचेत रूप से सुनिश्चित किया है। इसी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा घोषित पहली सूची में, 195 उम्मीदवारों में सिर्फ एक मुसलमान था और वह भी केरल से, जहां उनके उम्मीदवार के जीतने की संभावनाएं न्यूनतम हैं। इन हालात में अगर शासन तंत्र बहुसंख्यकवादी रास्ते पर बढ़ता जा रहा है, तो इसमें अचरज की बात नहीं है।*(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक पत्रिका ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।)*

व्यय प्रेक्षक शिवराज के पाटिल ने किया लोकसभा निर्वाचन मीडिया सेल का अवलोकन

व्यय प्रेक्षक शिवराज के पाटिल ने किया लोकसभा निर्वाचन मीडिया सेल का अवलोकन

न्यूज़ समय तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव प्रचार में हुआ व्यय भी प्रत्याशी के खर्चे में जुड़ेगा**मीडिया सेल का निर्वाचन संपन्न कराने में है महत्वपूर्ण योगदान: व्यय प्रेक्षक*बागपत दिनांक 10 अप्रैल 2024 – कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित मीडिया सेल का व्यय प्रेक्षक शिवराज के पाटिल ने निरीक्षण किया और कार्मिकों से जानकारी ली। संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। व्यय प्रेक्षक ने समाचार एवं विज्ञापन तथा सोशल मीडिया पर की जा रही राजनीतिक पोस्ट की जानकारी ली।बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नामित व्यय प्रेक्षक शिवराज के पाटिल ने लोकसभा निर्वाचन हेतु कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित मीडिया सेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में व्यय प्रेक्षक ने सोशल मीडिया सेल में नियुक्त कार्मिकों से तकनीकी जानकारी ली और कहा कि निर्वाचन आयोग की मंशा है कि निर्वाचन में मतदाताओं को प्रलोभन देने वाली वस्तुओं एवं धन-बल के प्रभाव को शून्य किया जाए इसलिए सोशल मीडिया टीम द्वारा प्रत्याशियों के अकाउंट को लगातार मॉनिटर किया जाए और उनके कार्यक्रमों के अनुरूप एफ एस टी टीम को अवगत कराया जाए। मीडिया सेल के नोडल अधिकारी राहुल भाटी ने विभिन्न संचार माध्यमों पर की जा रही निगरानी से अवगत कराया और एमसीएमसी कमेटी द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। व्यय प्रेक्षक ने कहा कि सोशल मीडिया पर सतत निगरानी रखे और कोई भी निर्वाचन संबंधी सामग्री मिलने पर उसको रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए फील्ड टीम को सूचित करे ताकि समय से टीम कार्यवाही करे। स्वीप तकनीकी विशेषज्ञ अमन कुमार ने प्रत्याशियों के सोशल मीडिया प्रचार में हुए व्यय की रिपोर्ट प्रस्तुत की और निर्वाचन के संबंध में दर्ज हुए मुकदमों का विवरण साझा किया जिसका व्यय प्रेक्षक ने अवलोकन किया।व्यय प्रेक्षक शिवराज के पाटिल ने कहा कि निर्वाचन की सफलता में मीडिया सेल का बड़ा योगदान है क्योंकि सूचना युग में संचार माध्यमों में डिजिटल प्लेटफार्म पर चुनाव संबंधी प्रचार किया जाता है जिसको तकनीकी दक्षता के साथ रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। अंकुर शर्मा ने सोशल मीडिया पर मिली चुनाव संबंधी पोस्ट की जानकारी दी। मौके पर लाइजन अधिकारी यतेंद्र सिंह, मीडिया सेल से प्रवेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।

ब्राह्मण समाज को आत्म चिंतन करने की जरूरत…. संतोष दुबे

ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज़ समय तक अयोध्या:——-*ब्राह्मण समाज को आत्म चिंतन करने की जरूरत…. संतोष दुबे*समाज का दर्पण माने जाने वाले प्रबुद्ध वर्ग ब्राह्मण समाज में अब भटकाव का दौर शुरू हुआ है। जिसके लिए ब्राम्हणों को आत्म चिंतन की जरूरत है। कभी ब्राम्हण वन्धुओं के ज्ञान का दुनियाँ लोहा मानती थी। परन्तु वर्तमान परिवेश में ब्राह्मण समाज के लोग दूसरों के पीछे चलने को मजबूर है। उक्त उद्गार बीकापुर तहसील क्षेत्र के बीठल पुर गाँव में शीतला माता कल्याण सेवा समिति के बैनर तले आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सन्तोष दूबे ने व्यक्त किया। कहा कि ब्राह्मण समाज के लोगों को आपसी मतभेद भूल कर एक होने की जरूरत है। उपेन्द्र तिवारी और दीपू पाण्डेय ने कहा कि ब्राह्मण एक विचार धारा है। मानव रहे या न रहे सुविचार अमिट रहते हैं। आने वाली पीढ़ी इससे शिक्षा लेकर आगे बढ़ती हैं। ब्राह्मण सम्मेलन को उदयभान तिवारी, सीता शरण पाण्डेय, मुकेश तिवारी, सुड्डू तिवारी, नान्हूं शर्मा, राजन शुक्ल, मनोज उपाध्याय, अरविंद पाण्डेय, मनोज पाण्डेय, प्रभाकर शुक्ल, प्रदीप पाण्डेय, सहित सहित अन्य कई लोगों ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में ब्राह्मण समाज से जुड़े लोगों द्वारा हिस्सा लिया गया। समारोह के आयोजक पूर्व प्रधान अनिल मिश्रा व शीतला माता कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा ने आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। संचालन संतोष तिवारी ने किया।