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28 अप्रैल 2023,बेतिया ,पश्चिमी चंपारण,बिहार।
11 सूत्रीं मांगों के आलोक में अंचल कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया। 28 अप्रैल 2023 को अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा और भाकपा माले के संयुक्त बैनर तले देश व्यापी कार्यक्रम के तहत बेतिया अंचल और प्रखण्ड मुख्यालय पर सैकड़ों भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने अपनी 11 सूत्रीं मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कियें। प्रदर्शन को संबोधित करते हुये भाकपा माले के राज्य कमिटी सदस्य कॉमरेड सुनील यादव एवं जिला नेता रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने कहा की देश के गरीबों की आमदनी पिछले 5 वर्षों में 40 फीसदी कम हुई है। कमरतोड़ मंहगाई खासकर खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने गरीबों को एकबार फिर से गोइठा और लकड़ी के युग में लौटा दिया है। आगे नेताद्वय ने कहा की केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं में भारी कटौती कर दी है। मनरेगा को मारने की कोशिश चल रही हैं। मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 429 रुपए भी देने से मना कर दी है तथा बिहार में सबसे कम मनरेगा मजदूरी और वृद्धों,विकलांगों व महिलाओं का पेंशन पर भी आफत के बादल मंडराने लगा है। दलित-गरीबों के लिए वास आवास की गारंटी के बदले भाजपा सरकार बुलडोजर चला रही है। उन्होंने ने कहा की बिजली बिल के बकाया को माफ करने और उन्हें 200 यूनिट फ्री बिजली देने के बदले सरकार दलित-गरीब बस्तियों का बिजली कनेक्शन काट रही है। दलित- गरीबों महिलाओं और बच्चियों पर बढ़ते हमले के प्रति सरकार असंवेदनशील है। गरीबों का भुख, गरीबी और कर्ज के दुष्चक्र में फंसकर आत्महत्याओं का दौर शुरू हो गया है। बावजूद उसक रह सवाल सरकार की चिंता में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा की यह इसलिए जरूरी है कि गांव देहात के गरीबों के सवालों और मांगों पर सरकार गम्भीरता से विचार करें। प्रदर्शन के माध्यम से रवींद्र कुमार ‘रवि’ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ठाकुर राउत,प्रकाश मांझी,रामचंद्र यादव,माधो राम द्वारा अंचलाधिकारी के हाथों में अपनी 11 सूत्रीं मांगों का एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू के नाम से सौपा गया।मांगों में प्रमुख :-(1) 1990-91 में बेतिया ग्रामीण शेखौना मठ जमीन में से निकली सेलिंग से फाजिल जमीन पर 350 दलित गरीब परिवारों को पर्चा मिला हुआ है, उसी समय से पर्चा धारियों का दखल कब्जा चला आ रहा है,जिस पर पर्चा धारी खेती करते आ रहे हैं। मगर गरीबों द्वारा बार बार कोशिश करने के बावजूद रसीद नहीं कट रहा है, सभी पर्चा धारीयो को विशेष कैम्प लगा कर रसीद काटने की गारंटी किया जाए।(2) बेतिया नगर निगम क्षेत्र में हजारों हजार गरीब भूमिहीन परिवार सरकारी एवं गैर सरकारी जमीन पर कई पूस्त से बसें हुए हैं, उन सभी गरीबों को बसें हुए जमीन पर कानूनी अधिकार दिया जाए, अगर कानून नहीं है तो सरकार इस पर कानून बनाये। (3) नव निर्माण बेतिया नगर निगम क्षेत्र में बेहद आर्थिक रूप से पिछड़े और कृषि क्षेत्र को शामिल करने के कारण गरीबों को एक नया संकट आ गया है, इसलिए नगर निगम क्षेत्र में नयें जो क्षेत्र जुड़े हैं उन पिछड़े क्षेत्रों में होल्डिंग टैक्स न्यूनतम सीमा यानि एक रूपया प्रतिमीटर रखने की मांग किया गया है। (4) सभी अनाधिकृत बस्तियों और भूमिहीनों का मुकम्मल सर्वे के आधार पर नया वास आवास कानून बनाया जाए । हाउसिंग राइट को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाये।(5) शहरी क्षेत्र में मनरेगा को लागू किया जाये और मजदूरी 600 रुपए किया जाये, मांग के अनुसार काम और समय पर भुगतान की गारंटी हो, डिजिटल हाजिरी का निर्णय वापस लिया जाए।(6) दलित-गरीबों का बकाया बिजली बिल माफ हो और 200 यूनिट फ्री बिजली दिया जाए और बिजली देने की व्यवस्था केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करे।(7) सभी दलित- गरीबों, मजदूरों महिलाओं को न्यूनतम 3000 रुपए मासिक पेंशन की गारंटी किया जाए तथा उज्ज्वला गैस की शुरुआती कीमत पर रसोई गैस की आपूर्ति किया जाए।(8) खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे से बाहर हो, जन वितरण प्रणाली के तहत तेल, दाल, मसाले और चीनी की भी आपूर्ति भी किया जाए।(9) शिक्षा स्वास्थ्य के निजीकरण पर रोक लगाया जाये, महाजनी और संस्थागत ऋण की माफी हो, गरीबों को बिना जमानत के 5 लाख तक का ब्याज रहित लोन मिले, ब्लॉक, बैंक और थाने के भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाये।(10) शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद सभी उत्पीड़ित गरीबों को रिहा किया जाये तथा(11) अरवल जिले के 22 साल से अधिक समय से सजा काट चुके सभी टाडा बंदियों को रिहा किया जायें।