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सोशल मीडिया पर मुखर होना शिक्षकों को पड़ा भारी

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सोशल मीडिया पर मुखर होना शिक्षकों को पड़ा भारी, बीएसए ने नोटिस किया जारी

कानपुर देहात। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त हिदायत को नजरअंदाज करते हुए सोशल प्लेटफार्म पर विभागीय योजनाएं, शिक्षा प्रणाली एवं लेखाधिकारी की कार्यप्रणाली पर तंज कसना, अनर्गल आरोप लगाना तीन शिक्षकों को भारी पड़ गया। सोशल प्लेटफॉर्म पर पोस्ट डालने के आरोप में बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने तीन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की संस्तुति की चेतावनी दी गई है।जनपद के झींझक विकासखंड के संविलियन विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक मनजीत सिंह गौतम एवं रसूलाबाद विकासखंड के संविलियन विद्यालय धरमपुर में कार्यरत सहायक अध्यापक भानु प्रताप सिंह तथा प्राथमिक विद्यालय भारामऊ में कार्यरत सहायक अध्यापक आलोक रंजन ने ट्विटर अकाउंट पर बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, शिक्षकों के हो रहे उत्पीड़न विषय पर कार्यालय कर्मचारियों तथा अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट डाली थी। सोशल मीडिया के माध्यम से डाली गई पोस्ट को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया और बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने तीनों शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए उसमें लिखा कि शासनादेश के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने विभागीय उच्च अधिकारी के विरुद्ध अथवा सरकार की नीतियों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए सोशल मीडिया पर अथवा किसी समाचार पत्र के माध्यम से अभिव्यक्ति व्यक्त नहीं कर सकता इस तरह का कृत्य आचरण नियमावली के विपरीत माना जायेगा बावजूद इसके आप लोगों के द्वारा ट्विटर अकाउंट पर वित्त एवं लेखा अधिकारी एवं उनके कार्यालय के विरुद्ध की गई अनर्गल टिप्पणी से विभाग व अधिकारियों की छवि धूमिल हुई है। आपका यह कृत्य कर्मचारी आचरण नियमावली के विपरीत है। सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी के संबंध में साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण 3 दिवस के अंदर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें बिना साक्ष्य के आधार पर जवाब देने पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। नोटिस जारी होते ही आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि जनपद के 3 शिक्षकों के द्वारा वित्त एवं लेखाधिकारी के विरुद्ध ट्विटर अकाउंट पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी जिसमें उनको नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग की छवि धूमिल करने वाले किसी भी शिक्षक, कर्मचारी को बक्शा नहीं जायेगा।

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