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सेल्फ केयर से फाइलेरिया ग्रसित अंग नियंत्रण में

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फाइलेरिया ग्रसित अंग की घर में बेहतर देखभाल कर जिंदगी को आसान बना रही हैं प्रमिला देवी

20 साल से फाइलेरिया ग्रसित हैं 60 वर्षीय प्रमिला देवी- सेल्फ केयर से फाइलेरिया ग्रसित अंग नियंत्रण में : प्रमिला देवी

ग्रुप बनाकर एक दूसरे की स्वास्थ्य की जानकारी लेते हैं फाइलेरिया के मरीज – फाइलेरिया नियंत्रण में पीएसजी मेंबर्स का योगदान सराहनीय

कटिहार, 05 जून। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। जो लोगों को फ्यूलेक्स मच्छर के काटने के कारण होता है। इससे संक्रमित व्यक्ति के प्रभावित अंग में सूजन हो जाती है। इसी बीमारी की शिकार हैं है जिले के कोढ़ा प्रखंड के फुलवरिया गांव की 60 वर्षीय प्रमिला देवी। वह पिछले 20 वर्षों से इस बीमारी की शिकार हैं । इस दौरान उन्होंने बहुत से डॉक्टरों से इलाज करवाया। जड़ी बूटियों का भी प्रयोग किया लेकिन उसे कुछ फायदा नहीं हो रहा था। फिर उन्हें फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित करने के लिए घर में ही विशेष देखभाल व व्यायाम करने की जानकारी प्राप्त हुई। इसके इस्तेमाल से उनके फाइलेरिया ग्रसित अंग में सुधार होने लगा। अब उनके द्वारा नियमित घर में ही अपने फाइलेरिया ग्रसित अंग का विशेष ध्यान रखा जाता है। जिससे उनके पैर में अब पहले जैसी सूजन नहीं होती और वह अपने घर के सभी कार्य सामान्य लोगों की तरह कर सकती हैं ।सेल्फ केयर से फाइलेरिया ग्रसित अंग नियंत्रण में : प्रमिला देवी

प्रमिला देवी ने बताया कि पैर में हुए फाइलेरिया के कारण सामान्य कार्य करने में बहुत समस्या होती थी। किसी भी मौसम में ज्यादा काम करने पर पैर में सूजन हो जाती थी । जिससे बहुत समस्या होती थी। इसके लिए उन्होंने बहुत से इलाज कराए पर कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा था। फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें फाइलेरिया ग्रसित अंग पर विशेष ध्यान रखने की जानकारी दी गई। बताया गया कि फाइलेरिया ग्रसित अंग की नियमित साफ सफाई करने और एक्सरसाइज करने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। विशेष ध्यान रखने के लिए अस्पताल से कुछ दवाइयां व मलहम भी उपलब्ध कराई गई। इसके इस्तेमाल करने से उनके पैर की सूजन बहुत कम हो गई है। अब पहले की तरह अचानक से ज्यादा काम करने पर भी सूजन नहीं होती है। यह उनके लिए एक वरदान की तरह है जिसके नियमित उपयोग करने से उनके पैर में फाइलेरिया नियंत्रित हो सका है। जरूरत के अनुसार अस्पताल से ले आती हैं दवाइयां :प्रमिला देवी ने बताया कि फाइलेरिया को नियंत्रित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए 4 प्रकार के एक्सरसाइज उनके द्वारा हमेशा किया जाता है। इसमें पैर को विभिन्न प्रकार से घुमाया जाता है । जिससे कि पैर में जमा परजीवी को नियंत्रित किया जा सके। इससे सूजन होने की समस्या कम हो जाती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोढ़ा अस्पताल में अतिरिक्त उपचार के लिए कुछ दवाइयां व मलहम भी उपलब्ध है। जब दवाइयां खत्म हो जाती हैं तो वह समय से अस्पताल पहुँच जाती जहां उन्हें आसानी से सभी दवाइयां मिल जाती हैं । इससे उनके फाइलेरिया ग्रसित अंग में हो रही सूजन को नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है ।ग्रुप बनाकर एक दूसरे के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हैं फाइलेरिया पेशेंट :कोढ़ा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमित आर्या ने बताया कि फाइलेरिया को नियंत्रित करने के लिए मरीजों की नियमित साफ सफाई व एक्सरसाइज जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग अलग क्षेत्रों में फाइलेरिया ग्रसित मरीजों का एक पेशेंट सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप द्वारा हर माह एक बैठक का आयोजन किया जाता जहां सभी के फाइलेरिया ग्रसित अंग की जानकारी ली जाती है। इसके साथ ही मासिक बैठक में मरीजों के एक्सरसाइज एक्टिविटी व साफ सफाई की जानकारी ली जाती है। मरीजों को उनके फाइलेरिया के स्टेज के अनुसार एक्सरसाइज में विशेष ध्यान रखने की जानकारी दी जाती है। ताकि फाइलेरिया ग्रसित अंग को बेहतर किया जा सके।फाइलेरिया नियंत्रण में पीएसजी मेंबर्स का योगदान सराहनीय :जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जे. पी. सिंह ने बताया कि फाइलेरिया को नियंत्रित करने के लिए लोगों में जागरूकता का होना आवश्यक है। इसमें फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की अहम भूमिका है। जिससे कि लोगों को फाइलेरिया से होने वाले समस्या की जानकारी हो सके। इसमें पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) मेंबर्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके द्वारा मासिक बैठक कर अन्य फाइलेरिया मरीजों को उपचार की जानकारी देने के साथ ही अन्य लोगों को भी इससे सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जाता है। उन्होंने बताया कि लोगों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा हर साल एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है जहां सभी सामान्य लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है। लोगों को दवा खिलाने में भी पीएसजी मेंबर द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग दवाई खा सके और खुद को फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रख सकें ।

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