शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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बिना लाइसेंस चल रहा कबाड़ करोबार, कट रही गाड़ियां।

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बिना लाइसेंस चल रहा कबाड़ करोबार, कट रही गाड़ियां।

कबाड़ की दुकान बाल श्रम को भी दे रही है बढ़ावा, बच्चों से औने-पौने दाम पर लेते हैं कबाड़।

अंबेडकरनगर नाम कबाड़ी और काम करोड़ों का। ऐसा है यह करोड़ों के मुनाफे का कारोबार जो बिना किसी लाईसेंस या अनुमति के लाखों रुपये का टैक्स चुराकर किया जा रहा है। इस कारोबार पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। इन दिनों धड़ल्ले से कबाड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। बिना अनुमति के संचालित इन दुकानों में कीमती सामानों को सस्ते दामों पर खरीदकर कारोबारी लाखों रुपये कमा रहे हैं।इन दुकानों में कबाड़ की खरीद-बिक्री की न तो रसीद दी जाती है और न ही कोई रिकार्ड रखा जाता है।इतना ही नहीं इनके दलाल ग्रामीण क्षेत्रों से कबाड़ खरीदकर दुकान में खपा देते हैं। हैरत की बात यह है कि इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का भी कोई रोकटोक नहीं रहता। प्रशासनिक ढिलाई के चलते इस व्यवसाय में लोग सक्रिय नजर आ रहे हैं।बगैर लाइसेंस के चल रहे कबाड़ी दुकानों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होने के कारण प्रतिदिन लाखों रुपया का अवैध कमाई किया जा रहा है। एक तरफ अवैध कमीनी दूसरी तरफ बगैर सरकार का राजस्व दिए हुए किछौछा मार्ग पर कबाड़ी का ढेर लगा हुआ है। जनपद मुख्यालय महरुआ कटेहरी जलालपुर बसखारी शुकुल बाजार आदि जगहों पर संचालित हो रहे कबाड़ी के दुकानदार प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर अपनी व्यवसाय चमका रहे हैं।चर्चा तो यहां तक है कि यह सब कबाड़ी पुलिस के संरक्षण में चोरी की बाइकें,पम्पसेट डीजल इंजन ,कार , व फैट्रियों की पाइपो आदि को कम कीमत पर चोरो.से खरीद कर माला माल हो रहे है । विदित हो मिश्रित कस्बे में कबाड़ी बिना लाइसेंस के खरीदी गई चोरी की मोटर साइकिलो और अन्य गाड़ियों को गैस बिल्डिंग मशीन से काटकर कबाड़ में बदलकर पुर्जे जरूरतमंद लोगों को व. मिस्त्रियो में बेंच कर माला माल हो रहे है ।लोहे के सामान व घरेलू उपयोग की वस्तुओं सहित कई कीमती सामान कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर लाखों कमा रहे हैं। कबाड़ सार्वजनिक जगह से दूर करना है भंडारण, लेकिन मुख्य सड़क पर होता है माप तौल विभाग तथा जिला औद्योगिक विभाग इस तरह के दुकान को संचालित करने के लिए लाइसेंस देने हेतु प्रतिबद्ध है। जिसे नियम के मुताबिक 100 केजी कबाड़ इकट्ठा करने के बाद अविलंब नियत स्थान से हटाने का भी प्रावधान है। वहीं सार्वजनिक जगह से दूरी पर इसका भंडारण किया जाना होता है। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर कबाड़ के ढेर देखने से ही लगता है कि सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त कर इस तरह का दुकान संचालित नहीं किया जा रहा है।क्षेत्र में चोरियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, इन कबाड़ की दुकानों पर धडल्ले से किमती सामानों को बेंचा जा रहा है।बताते चलें कि सभी कबाड़ी बिना लाइसेंस के खरीदी गई चोरी की मोटरसाइकिलों और अन्य गाड़ियों को गैस बिल्डिंग मशीन से काटकर कबाड़ में बदलकर पुर्जे जरूरतमंद लोगों एवं मिस्त्रियों में बेच कर माला-माल हो रहे हैं।बावजूद जिम्मेदारों द्वारा अनदेखी उनकी संलिप्तता को बयां कर रही है!विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जिम्मेदारों का कबाडी कारोबारियों से बेहद करीबी नाता है और यह नाता किसी रिश्ते का नहीं बल्कि लेनदेन का है!बताया जाता है कि जिम्मेदार हफ्ते व महीने के हिसाब से इन कबाडी करोबारियों से मोटी रकम लेते हैं और इनको संरक्षण प्रदान कर कारोबारियों के साथ स्वयं भी मालामाल हो रहे हैं,तभी तो जानकारी होते हुए किसी भी कबाडी कारोबारी पर कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं!

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