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निकाय चुनाव: टिकट की दौड़ में नेता जी ……
▪️बज चुका निकाय चुनाव का बिगुल, उम्मीदवारों में हलचल।
▪️पार्टियों से दावेदारी की टिकट का जुगाड़ लगाने लगे लड़ाके, जोड़तोड़ शुरू।
▪️नहीं गल रही दाल, लेके घूम रहे माल …….
कानपुर। नगर निगम के चुनाव की आरक्षण सूची फाइनल होते ही चुनावी जंग में कूदने वाले नेताओं में एक बार फिर से एनर्जी आ गई है। चौतरफा लकालक सफ़ेद कपड़ों में नेता जी देखने को मिल रहे हैं। कहीं होर्डिंग, कहीं बैनर और पोस्टर तो कहीं साक्षात हाँथ जोड़ते नेता जी देखे जा सकते हैं। क्योंकि हर किसी को अपनी पक्की करते हुए जंग जीतने की खुमारी चढ़ी है।
राजनीतिक जानकारों की माने तो निकाय चुनाव में दावों और वादों के साथ अपनी प्रत्याशिता घोषित करने वाले कई नेताओं के लिए पार्षदी का चुनाव लड़ना लोहे के चने से कम नहीं है।
जानकार बताते हैं कि अनुभवहीन कम उम्र के युवाओं की इस बार नेता बनने की बाढ़ सी आई है। हर कोई नेता नहीं बेटा बनकर क्षेत्रीय जनता के बीच झंडे गाड़ने की बात कर रहा है। ऐसे में यही नये नवेले नेता जी पुराने दिग्गजों का समीकरण बिगाड़ेंगे तो कहीं पार्टियों से टिकट न मिलने पर जयचंद की भूमिका में आ जाएंगे।
सूत्रों की माने तो कई ऐसे भी लोग हैं जो सिर्फ़ पैसे के दम पर जनता का प्रतिनिधित्व करने की सोंच रखकर चुनावी अखाड़े में कूदने की जुगत में हैं।
ऐसे लोगों की बड़के नेताओं की पैलगी चालू हो गई है। कुछ का हाल तो ये है कि पार्टियों में पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर टिकट का जुगाड़ सिर्फ पैसे के दम पर करना चाहते हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि, माल लेकर घूमने के बाद भी उनकी दाल गलती नजर नहीं आ रही है।