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उत्तर प्रदेश के कानपुर के आयकर विभाग द्वारा की गई जांच में शहर के पान, समोसा और चाट बेचने वाले करोड़पति पाए गए हैं।
🔺अध्ययन के अनुसार सड़क किनारे नमकीन और खाने-पीने का सामान बेचने वाले 256 लोग करोड़पति पाए गए हैं। और, दिलचस्प बात यह है कि कचरा बीनने का काम करने वाले लोगों के पास प्रति व्यक्ति तीन से अधिक कारें पाई गई हैं।
डेटा सॉफ्टवेयर और अन्य तकनीकी उपकरणों की मदद से किए गए सर्वे का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा यह था कि ये अमीर लोग न तो इनकम टैक्स के नाम पर मोटा टैक्स देते हैं और न ही जीएसटी से कोई संबंध रखते हैं.
🔺रिपोर्ट्स के मुताबिक बेकनगंज के एक स्क्रैप डीलर ने दो साल में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की तीन संपत्तियां खरीदी हैं।
🔺आर्यनगर में दो, स्वरूप नगर में एक और बिरहाना रोड में दो पान की दुकानों के मालिकों ने 5 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी है।
🔺अगर आप सोचते हैं कि किराए के ठेले पर अपना कारोबार चलाने वाले हर दिन संघर्ष कर रहे हैं, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि माल रोड का एक नाश्ता विक्रेता अलग-अलग ठेलों पर हर महीने सवा लाख रुपये किराया दे रहा है।
🔺दूसरी ओर बिरहाना रोड, माल रोड के चाट विक्रेताओं ने अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निवेश के रूप में रियल एस्टेट में काफी निवेश किया है।
हालांकि इन आंकड़ों ने आयकर विभाग को हैरत में डाल दिया है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इस तरह का खुलासा हुआ हो।
अलीगढ़ के वाणिज्यिक कर विभाग ने वर्ष 2019 में 60 लाख रुपये सालाना कारोबार करने वाले एक छोटे जलपान व्यवसायी का मामला उजागर किया था.