शुक्रवार, सितम्बर 22, 2023
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सचिव व ग्राम प्रधान की मिली भगत से पति-पत्नी ने ले लिया आवासीय योजना का लाभ

सचिव व ग्राम प्रधान की मिली भगत से पति-पत्नी ने ले लिया आवासीय योजना का लाभ
-स्थानीय निवासी व्यक्ति की शिकायत पर हुआ खुलासा
-अब दोषियों के विरुद्ध कार्यवाई करने से परहेज कर रहे हैं आलाधिकारी !
कानपुर देहात। ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों में रहने वालों अथवा आवासहीन परिवारों को पक्का मकान मुहैया कराने के उद्देश्य से आवासीय योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इस बावत योगी सरकार का सख्त निर्देश है कि पात्र व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में लाभ लेने से वंचित ना रहे और अपात्र को उसका लाभ ना मिल पाये, किन्तु स्थानीय स्तर पर संगठित तरीके से सरकार के निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाईं जा रहीं है और स्थानीय स्तर पर संगठित तरीके से अपात्रों को लाभ दिलवाया जा रहा है, भले ही पात्रों को दर दर भटकना पड़ रहा हो। अनेक मामले भी प्रकाश में आ चुके हैं। इसी क्रम में ताजा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें पति-पत्नी को सचिव व ग्राम प्रधान ने साँठगाँठ करके आवासीय योजना का लाभ दिला दिया है और इसकी पुष्टि भी हो चुकी है किन्तु जिले के आलाधिकारी कड़ी कार्यवाई करने के बजाय कागजी खानापूति करते नजर आ रहे हैं।
बताते चलें कि जिले के विकास खण्ड डेरापुर की ग्राम पंचायत मझगवाँ के ग्राम मिर्जापुर खुर्द निवासी राजेन्द्र सिंह पुत्र इन्द्र पाल सिंह को वर्ष-1995-96 में तत्कालीन ग्राम प्रधान शिवपाल सिंह पाल के कार्यकाल में उच्चीकृत आवासीय योजना का लाभ दिया जा चुका है। यह आवास ग्राम सभा भूमि गाटा संख्या 32 में बना है और तत्समय से लेकर वर्तमान तक अच्छी स्थिति में है। इसके साथ ही राजेन्द्र सिंह ने वर्ष-1995-96 में मिल चुके आवास को छुपाकर अपनी पत्नी शकुन्तला देवी के नाम से वर्ष-2017-18 में तत्समय रहे सचिव रवि शुक्ला व पटल सहायक/ कनिष्ठ सहायक शैलेश कुमार गुप्ता, तत्कालील ग्राम प्रधान राजेलाल पाल की मिलीभगत व साँठगाँठ करके आवासीय योजना के अन्तर्गत दूसरी बार आवास का लाभ ले लिया है। स्थानीय निवासी एक व्यक्ति के शिकायती पत्र के आधार पर परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अधिकरण कानपुर देहात ने जब खण्ड विकास अधिकारी डेरापुर से उपरोक्त के संदर्भ में जानकारी प्राप्त की तो उसमें यह पुष्टि हो चुकी है कि तत्समय रहे सचिव रवि शुक्ला व पटल सहायक/ कनिष्ठ सहायक शैलेश कुमार गुप्ता की मिली भगत रही है और प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये हैं।
वहीं मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर देहात के निर्देश पर खण्ड विकास अधिकारी डेरापुर द्वारा गठित टीम के सदस्य क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी राहुल वर्मा, सहायक विकास अधिकारी-उसेव्य सतीश चन्द्र व ग्राम विकास अधिकारी मगन सिंह ने भी मौके पर जाँच करते हुए यह पुष्टि कर दी है कि वर्ष 1995-96 में राजेन्द्र सिंह को व वर्ष 2017-18 में राजेन्द्र सिंह की पत्नी को भी आवासीय योजना का लाभ दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, उपरोक्त दोनों आवासों के अलावा ग्राम सभा की भूमि गाटा संख्या 32 में राजेन्द्र सिंह का तीसरा मकान वर्तमान में निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य के दौरान अवैध कब्जा करने के सम्बन्ध में किये शिकायती पत्रों में जाँच करने के बावत राजेन्द्र सिंह ने अपना बयान दिया है कि यह मकान भी उसे सरकारी कालोनी योजना के तहत मिला है।
अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आवासीय योजना का अनुचित लाभ लेने वाले पति-पत्नी व अनुचित लाभ दिलाने वाले सचिव, कनिष्ठ सहायक/सहायक पटल व ग्राम प्रधान के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई करने से आलाधिकारी क्यों परहेज कर रहे हैं और सरकार के निर्देशों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं ?

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