न्यूज़ समय तक
रोडवेज बसों से शहर धुँआ धुँआ मगर प्रदूष्ण चालान प्राइवेट वाहनों का।
कानपुर:- चील से तेज नजर रखने वाली ट्राफिक पुलिस के नाक नीचे रोडवेज बसों के धुँए से पूरा शहर प्रदूषित है। मगर उन्हें न कोई कहने वाला है। न सुनने वाला। सूत्रों की माने तो सरकारी बस ही क्या सरकारी कोई भी वाहन हो उनका न तो पुलिस बीमा चेक करती है न प्रदूषण न फिटनेस न आर.सी.न सीट बेल्ट और न ही सीट से ज्यादा सवारी। प्राइवेट कार पर अगर आप अकेले ही कही जा रहे है तो सारे पेपर कम्प्लीट होने के बावजूद माश्क पर चालान कर देते है।पचपन सीट वाली रोडवेज बस पर माश्क तो छोड़िए धुँआ भी उगल रही है तो उससे पुलिस को कोई तकलीफ नही जब कि उत्तर प्रदेश में कोई भी वाहन चाहे सरकारी हो या प्राइवेट जरूरत से ज्यादा प्रदूषण देने पर दस हजार चालान का प्रावधान है। मगर यहाँ आपका प्राइवेट वाहन धुँआ नही भी दे रहा होगा। आपके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नही है तो दस हजार का चालान कर देती है जब कि 2021 जनवरी नये एम बी ऐक्ट के तहत गाड़ी का प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर पाँच सौ रुपये का चालान है। अब सवाल ये उठता है क्या कानून सिर्फ प्राइवेट वाहनों व आम जन मानस के लिए है।