न्यूज़ समय तक कानपूर; दिनांकः 22.01.2025 बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन के पांचों स्टेशनों की छत बनकर तैयार छत के लिए लगाए गए पीईबी स्ट्रक्चर, सभी स्टेशन बॉक्सों ने लिया आकार* कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत लगभग 5 किलोमीटर लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन का सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उक्त सेक्शन के सभी पांच स्टेशन; बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता के सिविल ढांचे अब तेजी से अपना अंतिम स्वरूप लेते दिख रहे हैं। आज इस सेक्शन के सभी स्टेशनों के प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग (पीईबी) स्ट्रक्चर या दूसरे शब्दों में कहें तो प्लेटफॉर्म की छतों का परिनिर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। इसके साथ ही अब शहरवासियों को बारादेवी से नौबस्ता तक सभी स्टेशन बॉक्सों की रूपरेखा स्पष्ट दिखाई देने लगी है। बता दें कि बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन के सभी स्टेशनों के प्लेटफॉर्म लेवल की ढलाई का कार्य पिछले साल सितम्बर में पूरा कर लिया गया था। इसके बाद प्लेटफॉर्म की छतों के लिए प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग (पीईबी) स्ट्रक्चर के परिनिर्माण का कार्य आरंभ हुआ। साथ-साथ ही स्टेशनों के कॉनकोर्स लेवल या प्रथम तल पर तकनीकी कक्षों के निर्माण और फ्लोरिंग का काम भी तेजी से बढ़ता रहा। *पीईबी संरचनाओं की खूबियां* प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग (पीईबी) संरचनाओं की एक विशेषता है कि ये प्लेटफॉर्म पर बीच में किसी पिलर के बिना ही बड़े क्षेत्र को कवर करने में सक्षम होते हैं। पीईबी संरचना की डिजाइन लागत प्रभावी होने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल भी है। इन संरचनाओं में ट्रांसलूसेंट या पारदर्शी शीट का प्रयोग होने से प्लेटफॉर्म पर सूर्य की प्राकृतिक रोशनी दिन भर बनी रहती है। कृत्रिम रोशनी का कम से कम प्रयोग होने से बिजली की बचत होती है। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा कि, “कानपुर मेट्रो पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए सभी एलिवेटेड स्टेशनों पर नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा के प्रावधान सुनिश्चित कर रहा है। बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन के पांचों स्टेशनों को भी प्रायोरिटी कॉरिडोर के तर्ज पर डिजाइन किया गया है जिससे सूर्य की ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो सके। सभी स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की छत के निर्माण में प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग (पीईबी) स्ट्रक्चर का प्रयोग किया गया है। ये स्ट्रक्चर डिजाइन के साथ-साथ सौंदर्य, पर्यावरण और लागत की दृष्टि से भी बेहद अनुकूल हैं।‘‘वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन यानी चुन्नीगंज से नौबस्ता तक चल रहे निर्माण कार्य के अलावा लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का निर्माण कार्य भी तेजी से बढ़ रहा है।