सोमवार, दिसम्बर 2, 2024
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मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में ट्रांसफर पोस्टिंग में हो रहा भ्रष्टाचार

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में ट्रांसफर पोस्टिंग में हो रहा भ्रष्टाचार

न्यूज़ समय तक ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ| बिजली विभाग में भ्रष्टाचार कोई आम बात नहीं है अक्सर हमें अलग — अलग जिलों से भ्रष्टाचार की खबरें दिखाई दे ही जाती है लेकिन एक भ्रष्टाचारी अधिकारी को हटाने के बाद उच्च अधिकारी जब खुद ही भ्रष्टाचारी हो जाएं तो क्या ही कहने। हम बात कर रहे है मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ( रायबरेली क्षेत्र ) की, जिसके अंतर्गत माह अक्टूबर में एक लाख के गलत बिल के कारण एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी l प्रकरण में जांच बैठी और दोषी उपखंड अधिकारी बंथर रवि यादव को प्रबंध निदेशक ने 10 अक्टूबर को निलंबित कर दिया था, चलो इस कार्यवाही से मृतक युवक तो वापस नहीं आ सकता लेकिन परिजनों को थोड़ा संतोष जरूर हुआ होगा, अब बात करते है उपखंड बंथर के रिक्त हुए पद की तो 6 दिनों के लिए इस पद पर दिनेश यादव को तैनाती मिली चूंकि उनका प्रमोशन हो गया, इसलिए मुख्य अभियंता रामप्रीत प्रसाद ( रायबरेली क्षेत्र) ने इस पद पर कोई नियमित तैनाती न करते हुए, अपने चहते, अरविंद कुमार जो पहले से ही बांगरमऊ में नियमित पोस्ट पर थे को 18 अक्टूबर 2024 को एक पत्र जारी करते हुए नियमित तैनाती होने तक बंथर उपखंड का अतिरिक्त प्रभार दे दिया, कुल मिलकर अरविंद जी के कंधों पर 2 उपखंडों का बोझ आ गया, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती, 09 नवम्बर 2024 को मुख्य अभियंता रामप्रीत प्रसाद ( रायबरेली क्षेत्र) एक और पत्र जारी करते है जिसमें अरविंद जी को बांगरमऊ से हटाकर बंथर का नियमित प्रभार दे दिया जाता है लेकिन साथ ही इसी पत्र में अरविंद कुमार को बांगरमऊ का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया गया तो अब सवाल ये है कि अरविंद कुमार जो कि पहले से ही बांगरमऊ में नियमित थे तो उन्हें बंथर का अतिरिक्त प्रभार क्यों मिला? और अगर अरविंद कुमार को बांगरमऊ से हटाकर बंथर नियमित किया गया तो बांगरमऊ का अतिरिक्त प्रभार क्यों दिया गया ? बेचारे अरविंद कुमार पहले ही 2 उपखंडों का बोझ झेल रहे थे अब भी 2 उन्हीं दोनों उपखंडों का बोझ झेल रहे लेकिन बड़ा सवाल ये है कि 30 दिन के अंदर ये बदलते ट्रांसफर पोस्टिंग के आर्डर क्या भ्रष्टाचार की कहानी चीखे — चीख के नहीं कह रहे ? क्या मध्यांचल विभाग में आधिकारियों की कमी है जिसके चलते उपखंडों में नियमित प्रभारियों की नियुक्ति नहीं हो सकती ?अब देखना ये है कि योगी सरकार के मंत्री और विभाग प्रबंध निदेशक इस भ्रष्टाचार के मामले पर क्या कार्यवाही करते है

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