बुधवार, मई 21, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
होमKanpurभावानीपुर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सोशल आडिटर संदीप त्रिपाठी बिना...

भावानीपुर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सोशल आडिटर संदीप त्रिपाठी बिना एम. आई. एस का सत्यापन किये अंतिम दिन संपन्न कराई सोशल ऑडिट बैठक

न्यूज समय तक ब्यूरो शिवकरन शर्मा *कानपुर- जिले के चौबेपुर ब्लाक के भावानीपुर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सोशल आडिटर संदीप त्रिपाठी बिना एम. आई. एस का सत्यापन किये अंतिम दिन संपन्न कराई सोशल ऑडिट बैठक* *ग्राम प्रधान सचिव रोजगार सेवक एवं तकनीकी सहायक से मिली भगत करके गांव की जनता को बिना कुछ बताएं संपन्न कराई गई सोशल ऑडिट बैठक जिम्मेदार जिला विकास अधिकारी हुए मौन* *ग्राम पंचायत सोशल आडिट निदेशालय के धज्जियां उड़ने में नहीं चूक रहा विकासखंड चौबेपुर* कानपुर जिले के विकासखंड चौबेपुर में चल रही ग्राम पंचायत सोशल ऑडिट की छवि को धूमिल कर रहे ग्राम पंचायत सोशल ऑडिटर सूत्र बताते हैं धन का लेनदेन करके ग्राम पंचायत सोशल ऑडिटर संपन्न कर रहे सोशल ऑडिट ग्राम पंचायत सोशल आडिट निदेशालय की उड़ाई जा रही है धज्जियां* *विकासखंड चौबेपुर के भावानीपुर ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट के नाम पर खानापूर्ति करते हुए ग्रामीणों को ग्राम पंचायत सोशल ऑडिट के बारे में नहीं दी कोई जानकारी*कानपुर- जिले के चौबेपुर विकासखंड के भावानीपुर ग्राम पंचायत में 2 मई शुक्रवार को सोशल आडिट के नाम पर औपचारिकता निभाई गई। आडिट के दौरान ग्राम सभा की खुली बैठक न होने से ग्रामीणों को मनरेगा योजना सहित अन्य विकास कार्यों की जानकारी नहीं मिल सकी।आपको बता दें कि सोशल आडिट के लिए टीम को तीन दिन पूर्व संबंधित ग्राम पंचायत के अभिलेख ब्लाक मुख्यालय से मिल जाते हैं। इन अभिलेखों का मिलान सोशल आडिट की तिथि से दो दिन पूर्व गांव में आकर टीम को करना होता है साथ ही इसकी मुनादी भी कराई जाती है। निर्धारित तिथि पर सोशल आडिट के दौरान गांव में खुली बैठक बुलाकर मनरेगा योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों एवं अन्य योजनाओं द्वारा कराए गए कार्यों सहित मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री आवासों का सत्यापन किया जाता है पेंशनर का किया जाता है, लेकिन भावानीपुर ग्राम पंचायत सोशल आडिट के लिए मुनादी नहीं कराई गई। इससे ग्रामीणों को आडिट बैठक की जानकारी ही नहीं हो सकी बैठक के दौरान सचिव मौके पर मौजूद नहीं रही, बैठक को 20 मिनट के अंदर ही समाप्त कर दिया गयावहीं आडिटर संदीप त्रिपाठी ने पंचायत भवन को महात्मा देते हुए अवैध रूप से बच्चों के पठन-पाठन में बावधान डालते हुए प्राथमिक विद्यालय में ग्राम पंचायत सोशल ऑडिट की बैठक को संपन्न कराया, बैठक में आधा दर्जन महिलाओं को बुलाकर औपचारिकता के तौर पर अंगूठा लगवा लिया गया और उन्हें किसी भी योजना की जानकारी नहीं दी गई सूत्र बताते हैं कि ऑडिटर संदीप त्रिपाठी एक पंचायत से ऑडिट के नाम पर 5 से 10 हजार की मांग करते हैं नहीं मिलने पर रिकवरी की धमकी देते हैंसोशल ऑडिट के नियमसोशल ऑडिट कार्यक्रम तीन दिवसीय होता है। टीम पहले दिन कराए गए कार्यों के अभिलेखों का सत्यापन और जॉबकार्ड धारकों से संपर्क करती हैं। दूसरे दिन मनरेगा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण और ग्रामीणों को बैठक में आने के लिए बुलाया जाता हैं। तीसरे दिन खुली बैठक होती है, बैठक में कराए गए कार्यों को टीम के सदस्य पढ़कर सुनाते है और सार्वजनिक सत्यापन होता है। इस दौरान ऑडिट के वित्तीय वर्ष के कार्यों को सुनकर के जनता सही गलत का फैसला करती है लेकिन चतुराई पूर्ण तरीके से अपने चाहतों को बुलाकर ग्राम प्रधान ने सोशल ऑडिटर से सौदा कर खाना पूर्ति कर संपन्न कराया सोशल ऑडिट बैठक में पहुंची इन महिलाओं को सुनिए की ग्राम पंचायत सोशल ऑडिट में क्या कहे कर इन्हें बुलाया गया और आने पर क्या मिला ग्राम पंचायत की पोल खोल नजर आएगी कब लगेगी इस भ्रष्टाचार पर लगाम बने रहिए हमारे चैनल लाइव सिटी समाचार के साथ फिर मिलते हैं अगली कड़ी अगले अंक के साथ सुनिए सच्ची कहानी ग्रामीणों की जुबानी ग्राम पंचायत सोशल ऑडिट का भ्रष्टाचार का नया ट्रेंड

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments