थरियांव थाना हमेशा रहता है अखबार की सुर्खियों पर कहीं अपराध की श्रेणी पर तथा कभी नाबालिक बच्चों से पैर दबवाने पर
अपराध की श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल करने वाला थाना थरियांव
पुलिस कप्तान द्वारा चलाई गई तबादला एक्सप्रेस 27/10/2023को सिपाहियों की सूची में क्रम संख्या 139 कमाऊपूत ललित सिपाही की अभी तक नहीं बनी रवानगी!?
महाभारत के धृतराष्ट्र की तरह हो गए हैं थरियांव थानेदार
पुत्र की तरह कारखास सिपाहियों का नही छोड़ पा रहे अपना मोह
जिस जिस थाने में साहब जायेंगे वहां वहां अपने कारखासों की टीम को भी ले जायेंगे?
सिपाहियों का ट्रांसफर करने वाले जिम्मेदार भी ऐसे शातिर थानेदार के झांसे में आ जाते हैं और गणेश परिक्रमा लगने के बाद बात मान भी लेते हैं?
न्यूज़ समय तक ब्यूरो फतेहपुर
फतेहपुर वर्तमान समय में हाइवे का थाना थरियांव एक ऐसा चर्चित व बेलगाम थाना है जहां लूट, छीनती,दुष्कर्म,चोरी की ताबड़तोड़ घटनाएं हुई मगर घटनाओं का खुलासा नहीं हुआ।इस थाने में दो ऐसे शातिर सिपाही हैं जो 24 घंटे सिर्फ अवैध वसूली में मस्त रहते हैं।दोनो सिपाही साहब के कारखास हैं अवैध वसूली से लेकर थाने की इकजायी यही वसूलते हैं। साहब के आंखों के तारे इन दोनों सिपाहियों को साहब अपने साथ ही रखते हैं साहब चाहे चौकी में रहे हों या थानों में वह अधिकारी को झांसे में लेकर अपने साथ दोनो चहेते सिपाहियों का ट्रांसफर करवा लेते हैं। अधिकारी भी बगैर सोंचें थानेदार का गणेश परिक्रमा
को स्वीकार कर भी लेते हैं क्या अधिकारी को नहीं मालूम होता कि थानेदार जिन कारखास सिपाहियों का अपने साथ ट्रांसफर करवा रहा है वह अपराध नियंत्रण में सहयोग के लिए नही बल्कि सिर्फ अवैध वसूली व थाने की इकजायी की वसूली के लिए ट्रांसफर करवा रहा है। थरियावं थाने में तैनात दो सिपाही हाल ही में हुए तबादले की सूची से गायब थे? फेरबदल में बाबू ने खेल किया या कोई और वजह है यह तो अधिकारी ही बता सकते है। विगत दिनों 290 सिपाहियों की सूची के क्रम संख्या 19 एवं 20 नंबर पर नजर डाले तो यह साफ स्पष्ट है कि सदर कोतवाली में तैनात रहे दो सिपाहियों में एक का तबादला थरियांव तो दूसरे का खागा किया गया है। ये दोनों सिपाही कोतवाली में रहने के दौरान चोरी की वाइको में चलते थे इसके सबूत भी जिम्मेदार लोगो को मिले थे। और अखबारों के पन्नों पर खूब सुर्खियां बटोरी थी लेकिन इन सिपाहियों का सरगना एक डीयूटी मुंशी है अपने को फसता देख मुंशी ने अधिकारियों से सांठगांठ कर अपना कोतवाली सदर से एक कार्यालय में आरामदायक सीट में तबादला करवा लिया है। हो न हो इस ड्यूटी मुंशी ने ही बाबू से मिलकर अपने साथ सिपाहियों का मलाईदार थाने थरियांव एवं खागा कोतवाली करवाने में हांथ है। अगर ऐसे ही शातिर सिपाहियों को थानेदारों के कहने से अभयदान व आशीर्वाद मिलता रहा तो जनपद में भ्रष्टाचार व अपराध नहीं रुकेंगे!?
खबर सूत्रों के हवाले से