प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची सहारा इंडिया से जमा भुगतान न मिलने की बात ज्ञापन
झांसी। नई दिल्ली। वर्तमान समय में भारत के करोड़ों सहारा इंडिया के खाताधारकों की मैच्योरिटी डेट बीत जाने के बाद भी उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है, खाताधारक अब अपनी जमा पूंजी लगाने के बाद आज के परिवेश में अपंग सा जीवन यापन करने पर मजबूर है और न्याय की गुहार में दर-दर भटक रहे हैं, अगर उन्हें कुछ प्राप्त हो रहा है तो है वह है सिर्फ सहारा इंडिया के द्वारा तारीख पर तारीख और आश्वासन। नहीं प्राप्त हो रहा है तो वह हैं भुगतान।
जिसके खाताधारकों के धैर्य का बांध अब टूटने सा लगा है जिसके परिणाम स्वरूप कर्म योगी संस्था, झांसी (उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल) के अध्यक्ष पंडित संतोष कुमार गौड़ ने अपने सहयोगी साथियों के साथ जमीनी स्तर पर उनकी दुख तकलीफों को समझा और उनके घावों पर मलहम लगाने के लिए करोड़ों दुखी पीड़ित खाताधारकों के सारथी बन गए और सोशल मीडिया की सहायता से नेपाल सहित भारत के बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, आंध्र प्रदेश आसाम, बिहार, गुजरात, तमिलनाडु, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर एवं झारखंड आदि सहित विभिन्न प्रदेशों को अनेकों दिन रात की मेहनत के पश्चात एक प्लेटफार्म पर संगठित करने का एक सफल प्रयास किया और नई दिल्ली के वी.वी.आइ.पी. क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल की निगरानी एवं सतर्कता में * भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष विभिन्न प्रोटोकॉल के अनुसार (सिंगल पर्सन एंट्री) बात को रखा जिसमें कार्यालय के बाहर भारत के विभिन्न प्रदेशों ने विविधता में एकता का परिचय दिया
जिसमें सहारा इंडिया भुगतान पीड़ित खाताधारक, अभिकर्ता, व्यापारी, मजदूर किसान, नौकरी पेशा, पेंशनर्स फुटकर व्यापारी, मजदूर वर्ग आदि सभी सहारा पीड़ित एकत्रित हुए और प्रत्यक्ष रूप से अपनी बात को पंडित संतोष कुमार गौड़ ने अवगत कराया कि आज के परिवेश में कोई प्रदेश, कोई गांव, कोई शहर, कोई कस्बा, कोई गली, कोई मोहल्ला अब शेष नहीं जहां पर सहारा इंडिया से पीड़ित व्यक्ति अपना जमा धन पाने की आस में दर दर ना भटक रहा हो, आदि उपरोक्त समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन के माध्यम से अपनी 5 सूत्रीय मांगों को भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया।
जिसने प्रथम सूत्रीय मांग में सेवी के द्वारा सहारा से ₹100000 के ऊपर के भुगतान एक माह के अंदर एवं 1 लाख के नीचे के भुगतान को 1 सप्ताह के अंदर निराकरण संपन्न करने की बात रखी गई जिससे कि भारत के करोड़ों सहारा खाताधारकों को राहत मिले। द्वितीय सूत्रीय मांग सहारा इंडिया के लाखों कर्मचारियों के हित में रखी गई जिससे कहां गया कि सहारा इंडिया भारत का एक विशाल उपक्रम रहा है जो लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान करता रहा है भारत सरकार सहारा कंपनी को अपने अधीनस्थ उपक्रम घोषित करे, जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान सेवारत लाखों कर्मचारियों को रोटी रोजी के लिए उम्र के इस पड़ाव पर दर-दर भटकना पड़े जिस पर उनके परिजन भी आश्रित हैं। तृतीय सूत्रीय मांग में कहा गया कि ऐसे खाता धारक जिनकी कोविड-19 के कार्यकाल में माता पिता की मृत्यु हो चुकी है एवं ऐसे खाताधारक जो अब इस दुनिया में नहीं है, उनके आश्रितों को ऐसे खाताधारक जो चिकित्सा शिक्षा, जीविका, आदि उपार्जन हेतु आर्थिक रूप से कमजोर है बैंक से कर्ज लेने में भी सक्षम नहीं है ऐसे खाता धारको का अविलंब प्राथमिकता के आधार पर 3 दिन के अंतराल में शीघ्र भुगतान का प्रावधान होना चाहिए। चतुर्थ सूत्री मांग में कहा गया कि आगामी समय में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के द्वारा ऐसी किसी भी कंपनी को रजिस्टर्ड नहीं किया जावे, जिससे कि जनता विश्वास कर अपनी गाड़ी कमाई का पैसा जमा करें उसके पश्चात मैच्योरिटी के समय इस प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो, अंतिम पांच सूत्रीय मांग में गणतंत्र दिवस राजपथ नई दिल्ली से निकलने वाली झांकियों में वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई, झांसी की रानी की झांसी समायोजित करने की बात अंदर सैंयर गेट व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंडित संतोष कुमार गौड़ ने कहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश शर्मा एवं बी.डी. चौरसिया ने की कार्यक्रम का संचालन अनिल साहू एवं रामगोपाल प्रजापति ने किया, ज्ञापन में मुख्य रूप से अनेकों राज्यों के सहारा इंडिया के खाता धारक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे, अंत में कर्म योगी संस्था के उपस्थित सदस्यों ने विभिन्न प्रदेशों से आए सभी आदरणीय जनों का आभार व्यक्त किया