कानपुर से बड़ी
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नसे की हालत में धुत कार सवार व्यक्ति ने तेज रफ्तार से डिवाइडर मे मारी टक्कर बड़ा हादसा होने से टला कार सवार व्यक्ति को जब बेगमगंज पुलिस और आसपास खड़े लोगों ने बाहर निकाला तो वह इतना नशे में था कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था और अपने आप को किसी दरोगा का लड़का बता रहा था कार में पुलिस लिखवाना या किसी दरोगा का बेटा होने से जुर्म करना माफ हो जाता है क्या बेगमगंज की पुलिस भी उस नशेबाज दरोगा के बेटे जो झूठ है या सच वही जाने उसके सामने कमजोर नजर आई या बड़े बाप की औलाद थी इसलिए पुलिस कुछ नहीं कर पाई ना तो उसका चालान किया और नाही उसे थाने ले गए जबकि दादा मियां चौराहा बहुमूल्य वाला इलाका है जहां पर हमेशा भीड़ मौजूद रहती है और गरीब बेसहारा लोग वहां पर सोया भी करते हैं किसी गरीब को कार कुचल देती तो इसका जिम्मेदार कौन होता बेगमगंज पुलिस या वह नशेबाज जिन पर कार्रवाई करनी होती है उनको छोड़ देती है पुलिस और जो मासूमों होते हैं उनको रात रात भर थाने में बैठा लिया जाता है और कोई छोटे गरीब इंसान किसी पैसे वाले पर कारवाही करते हैं तो कंप्रोमाइज और मुकदमा ना करने का दबाव बनाती है पुलिस क्या यही है पुलिस का काम