न्यूज समय तक
लाखों रुपए से बनी नंदी गौशाला में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव की लापरवाही आई सामने।
ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव की लारवाही के चलते गौवंश गौशाला से रात्रि के समय बाहर निकल जाते हैं ।
खंड विकास अधिकारी के निरीक्षण करने पर बौखलाए ग्राम पंचायत सचिव ने पत्रकार को दी धमकी,कहा कि मैं तुम्हें फर्जी मुकदमें में फंसा दूंगा और कितना चाहिए तुम्हें पैसा।
गोवंशों को लेकर यूपी के सीएम को ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा गाली देने की रिकॉर्डिंग जल्द होगी वायरल
श्रीराम अग्निहोत्री न्यूज समय तक ब्यूरो चीफ फतेहपुर
फतेहपुर यूपी में गौशालाओं की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है जहां कहीं गौशाला में गौवंशो को भूखा ही रखा जाता है तो कहीं गौवंश गौशाला के बाहर ही विचरण करते रहते हैं।जहां आपको बताते चलें कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा था कि अगर विधानसभा चुनाव में यूपी में हमारी सरकार बनती है तो यूपी के किसी भी जनपद में गौवंश गौशाला के बाहर नहीं दिखाई देंगे। हालांकि उनके इस बात का असर यूपी के समस्त जनपदों में बिल्कुल न के बराबर दिखाई दे रहा है। वहीं आपको बताते चलें कि यूपी के जनपद फतेहपुर में भी विकास खंड बहुआ के ग्राम पंचायत फतेहनगर करसूमा के अंतर्गत बलीपुर गांव में लाखों रुपए की लागत से बने नंदी गौशाला की स्थिति व वहां की व्यवस्थाएं बिल्कुल धड़ाम होती हुई नजर आ रही हैं।मालूम रहे कि बीते मंगलवार की रात्रि में नंदी गौशाला से गायों के बाहर निकलने की खबर प्रकाशित हुई थी जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हुआ था जिसकी खबर न्यूज समय तक ने प्रमुखता से प्रकाशित की।जिस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव से जानकारी लेने की कोशिश की गई थी जिस पर ग्राम पंचायत सचिव का फोन रिसीव नहीं हुआ वहीं ग्राम प्रधान पति से जानकारी प्राप्त की गई तो ग्राम प्रधान पति ने दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि गाय गौशाला से बाहर निकल रही हैं तो इसमें मैं क्या करूं? वही स्थानीय किसानों ने ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी लापरवाही के कारण सभी गौवंश गौशाला से बाहर निकल जाते हैं और किसानों की फसलों को चौपट कर जाते हैं वहीं किसानों ने गायों के बाहर निकलने का कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि गौवंशो को गौशाला में भूखा रखा जाता है सरकार गौवंशों के चारा पानी के लिए पैसा भेजती है उसमें ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान आराम से अपनी जेब गरम करते हैं और गौवंशों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। जहां ज्ञातव्य हो कि इसी मामले को लेकर अभी पिछले साल भी मामला उजागर हुआ था जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी रहीं अपूर्वा दुबे ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच कर दोषी ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित किया था और थाना गाजीपुर में ग्राम सचिव तथा ग्राम प्रधान व एक अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं एक बार फिर से नंदी गौशाला में वही लापरवाही दोहराई जाने लगी है। हालांकि अभी कुछ महीने पहले भी सीडीओ ने भी इसी गौशाला का निरीक्षण किया था जिसमें कई खामियां सामने आई थी।।