बुधवार, सितम्बर 11, 2024
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
होमउत्तर प्रदेशठा. चंद्रपाल सिंह की स्मृति में हुआ कवि सम्मेलन

ठा. चंद्रपाल सिंह की स्मृति में हुआ कवि सम्मेलन

ठा. चंद्रपाल सिंह की स्मृति में हुआ कवि सम्मेलन
न्यूज़ समय तक

ब्यूरो चीफ नागेंद्र पांडे

खागा/फतेहपुर 4 अक्टूबर।
क्रांतिकारी विचारक,साहित्य मर्मज्ञ,प्रखर समाज सेवक ठाकुर चंद्रपाल सिंह की स्मृति में अमर शहीद दरियाव सिंह स्मारक स्थल पर एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें रचनाकारों ने अमर सपूतों को नमन किया और भाईचारे का संदेश दिया।
एसडीएम आशीष कुमार सिंह,पुलिस क्षेत्राधिकारी जीडी मिश्र,समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह,चेयरमैन श्रीमती गीता सिंह,कवि सम्मेलन के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार बृजमोहन पांडेय,संयोजक समाजसेवी महेंद्र नाथ त्रिपाठी, व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ल आदि विशिष्ट लोगों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की।स्मारक समिति के महामंत्री आरपी सिंह एवं उपाध्यक्ष महेंद्र नाथ त्रिपाठी के संयोजन में कार्यक्रम हुआ।
इसके पहले अतिथियों ने अमर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।संचालन ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह एवं महेंद्र नाथ त्रिपाठी ने किया।इस मौके पर,वक्ताओं ने कहा कि ठाकुर चन्द्रपाल सिंह जो कि अमीन संघ के प्रथम प्रदेश अध्यक्ष भी थे,उन्हीं के बताए हुए रास्ते पर स्मारक समिति काम कर रही है।श्री सिंह ने उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।ठाकुर चंद्रपाल सिंह के सुपुत्र ने भी विचार व्यक्त किए।एसडीएम आशीष कुमार सिंह ने रचनाकारों का स्वागत करते हुए कुछ चर्चित पंक्तियां भी सुनाई।
स्मारक समिति की ओर से रचनाकारों का माल्यार्पण किया गया।अवधी भाषा के लोकप्रिय कवि लोकभाषा के कवि समीर शुक्ल ने सरस्वती वंदना से काव्य पाठ की शुरुआत की।बाद में उन्होंने लोक भाषा शैली में आनंदित करने वाली रचनाएं प्रस्तुत की।जाने-माने कवि एवं शायर शिव शरण बंधु हथगामी ने अमर शहीद दरियाव सिंह पर काव्य पाठ के बाद-सुनाया हम किसी को सताने नहीं आए हैं,दिल किसी का दुखाने नहीं आए हैं,हम तो आए हैं अम्न-ओ-अमां के लिए,घर किसी का जलाने नहीं आए हैं।
उन्नाव से पधारे वीर रस के वरिष्ठ कवि सुरेश फ़्क्कड़ ने समां बांधा -कभी भी सिंह अपने शौर्य को गाया नहीं करते,जो अक्षर मंत्र जीते हों वो चिल्लाया नहीं करते।कुशल संचालक नीरज पांडेय पढ़ा – मरकर भी महापुरुष पीढ़ियों के लिए अपना अमर इतिहास छोड़ जाते हैं।वीर रस के युवा कवि संतोष दीक्षित ने पढ़ा-इस कविता रूपी थाली से शब्दों के सुमन चढ़ाता हूं जो मेरे लिए भजन जैसे, वह गीत वतन के गाता हूं। राहुल पांडेय ने वीर रस की अपनी रचनाओं से जोश भर दिया।कुमार सौष्ठव ने पढ़ा -हमें गंगा भी प्यारी है,हमें जमुना भी प्यारी है,मुसलमां हो या हिन्दू हो,सभी से अपनी यारी है।
कवि सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ ब्रज मोहन पांडेय,प्रकाश चन्द्र दुबे,हरीबाबू राउत,हर्ष बहादुर सिंह हर्ष,राहुल पांडेय,धर्मचंद्र मिश्र कट्टर आदि अनेक कवियों ने काव्य पाठ किया।इस मौके पर,अमन तिवारी,ओम द्विवेदी,विजय त्रिपाठी,माया शिवहरे,माया पटेल,कमला डुवेडी,राजेंद्र सिंह,हरिश्चन्द्र सिंह,फूलचंद्र पाल सहित अनेक विशिष्ट लोग भी मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments

Hindi