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जेल में बंद भाइयों की कलाई 2 साल बाद राखी से सजी, बहनें हुई भावुक

अंबेडकरनगर
भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के त्यौहार रक्षाबंधन के दिन बहनों को जेलों में कैद भाइयों को राखी बांधने की व्यवस्था की गई है. अंबेडकरनगर कारागार में शुक्रवार सुबह से ही बहनें अपने भाइयों से मिलने और उनको राखी बांधने के लिए पहुंच रही हैं. पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते राखी बांधने की अनुमति नहीं दी गई थी. वहीं भाइयों को राखी बांधने के बाद बहनें भावुक हो गईं। जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों का शुक्रवार सुबह से ही अंबेडकरनगर जेल पहुंचना जारी है. रक्षाबंधन त्यौहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं और साथ ही तीन स्तरीय सुरक्षा जांच के बाद ही बहनों को जेल परिसर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. अंबेडकरनगर जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार कैदियों के लिए भी एक बड़ा ही महत्वपूर्ण त्यौहार होता है. क्योंकि इस दिन वह कुछ देर के लिए ही सही लेकिन अपनी बहनों से मुलाकात कर पाते हैं.
सुरक्षा जांच के बाद दिया जा रहा प्रवेश:
जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा ने बताया कि राखी बांधने के लिए पहुंच रही बहनों का सबसे पहले रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन के बाद कैदियों का नाम पुकारा जा रहा है. इसके बाद उनकी बहनों का सुरक्षा जांच केवल रक्षा सूत्र और मिठाई लेकर ही अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है. मुलाकात कक्ष में सलाखों के पीछे से ही बहनें भाइयों से मुलाकात कर रही हैं. उन्हें तिलक लगा, रक्षा सूत्र बांधकर मुंह मीठा करवा रही हैं.भावुक हुई बहनें: जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए बहनें भावुक हो गई. वहीं उन्होने भाइयों से आगे कोई अपराध नहीं करने का संकल्प लिया. बहनों ने बताया कि उन्होंने अपने भाइयों से यह संकल्प लिया है कि वह आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिसके चलते उनका परिवार परेशान हो.जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा ने बताया कि कोरोना के कारण 3 साल बाद सरकार के आदेश पर बहनों को भाइयों को राखी बांधने की इजाजत दी गई है. वहीं जेल में प्रवेश करने के लिए कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है.