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गाय को जख्मी देखकर भावुक हुआ युवक, मौके पर बुला ली पशु विभाग की टीम

- मलिकपुरम में खाली प्लाट पर कूड़े के ढेर में लगभग पचास गाय और सांड इधर उधर घूमते रहते हैं।
- आवारा पशुओं के साथ ही कई चट्टे वालों के पालतू पशु भी इनके साथ लापरवाही से छोड़ दिए जाते हैं।
- जख्मी गाय के घाव से आ रही थी दुर्गंध, काफी खून बह चुका था, घाव में पड़ गया था पस।
- क्षेत्रीय लोग बोले लगभग दस दिन से यहां पड़ी है जख्मी गाय, कोई नहीं ले रहा था सुध।
*सामाजिक कार्यकर्ता कान्ति शरण निगम के प्रयासों से गाय को मिलेगा जीवनदान, लोगों ने किया धन्यवाद।
कानपुर नगर। आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए वैसे तो नगर निगम कानपुर का कैटल कैचिंग दस्ता कभी कभी एक्टिव होकर शहर में निकलता ही रहता है, लेकिन चट्टे वाले व सामान्य पशु पालक भी अपने पशुओं को किसी बीमारी से, या जख्मी होने से, या दूध कम देने से, या गैर उपयोगी मानकर छुट्टा छोड़ दिया करते हैं जो कि एक बहुत बड़ी गंभीर लापरवाही है।
गोविन्द नगर के मलिकपुरम आवासीय कालोनी जो कि विद्युत कालोनी के सामने है वहां पर आए दिन खुल्ला जानवरों के कारण कभी कभी रोड एक्सीडेंट की नौबत भी आ जाती है, जिनसे अक्सर क्षेत्र के नागरिक दहशत में आ जाते हैं। इसी स्थान पर बीते रविवार शाम के समय एक वाहन चालक को घायल अवस्था में एक गाय दिखी जिसे कि किसी ने नुकीली चीज से बुरी तरह घायल किया था और उसका घाव गाय के शरीर को भेदता हुआ दोनों ओर से दिख रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दबौली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता कान्ति शरण निगम अपने किसी काम से गोविन्द नगर से वापस आ रहे थे तभी पीला पुल रोड पर उन्हें एक जख्मी गाय दिखी उसे देखकर वे इतने भावुक हुए कि उन्होंने उसकी वीडियो बनाकर तत्काल उच्च अधिकारियों को भेज दी और अपने सहयोगियों को भी गाय की सहायता के लिए बुला लिया।
पशु चिकित्सालय की रेस्क्यू टीम ने रात लगभग आठ बजे मौके पर पहुंच कर कान्ति शरण की मदद से गाय की पहचान कर उसे तत्काल बेहतर चिकित्सा सहायता देने के लिए अपने संरक्षण में अस्पताल ले गए। क्षेत्र के स्थानीय निवासी प्रदीप शुक्ला ने बताया कि ये गाय लगभग दस दिन से जख्मी पड़ी है और उसके घाव में पस बन गया है तथा तेज दुर्गंध आ रही थी लेकिन फिर भी किसी ने सहायता के लिए कोई प्रयास नहीं किया था। मौके पर सहायता करने वालों में प्रमुख रूप से कान्ति शरण निगम, राजीव पांडे, संतोष सिंह आदि समाजसेवी रहे।
…क्योंकि दर्द सबको होता है
पीड़ित गाय को बचाने की सूचना देने वाले कान्ति शरण निगम ने बताया कि शाम सवा छः बजे मैं वहां से निकल रहा था तभी मेरी नजर उस तड़पते हुए गाय पर पड़ी, जो बार बार खड़े होकर गिर रही थी और उसे कई अन्य गाय बैल घेरा बनाकर उसके पास कुत्तों को जाने से रोक रहे थे। मैं ये देखकर बहुत दुखी हो गया और तभी मुझे उसकी सहायता के लिए जो सही लगा वो सभी कदम मैने उठाए, और मैं सभी शहरवासियों से अपील करना चाहता हूं कि किसी भी बेजुबान शांत जानवर को इस तरह गंभीर घाव देकर उन्हें पीड़ा न पहुंचाए, क्योंकि दर्द सबको होता है।