न्यूज़ समय तक कानपुर बस अड्डे का पीपीपी मॉडल पर विकास कराने की तैयारी यहां से बांदा, चित्रकूट, उरई, झांसी, कानपुर देहात, गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज आदि शहरों के लिए बसें संचालित होती हैं। साथ ही राजस्थान व मध्य प्रदेश की रोडवेज बसें भी आती हैं। बस अड्डे पर मेट्रो कार्य के लिए कुछ हिस्सा पहले ही अधिग्रहीत हो गया है। इससे बसों की पार्किंग की समस्या आ रही है। इसी के चलते बस अड्डे का पीपीपी मॉडल पर विकास कराने की तैयारी है।मेट्रो ने जमीन का किया अधिग्रहण, फिर बन रहा ले-आउटपूर्व में पांच एकड़ भूमि में बहुउद्देश्यीय इमारत के निर्माण के लिए स्वीकृत दी गई थी। बाद में मेट्रो ने और जमीन का अधिग्रहण कर लिया। अब फिर से ले-आउट बन रहा है, जो हफ्ते-दस दिन में पास होकर आ जाएगा। कार्य शुरू होने के बाद इसकी लागत बढ़कर 200 करोड़ तक जा सकती है।ये होंगी सुविधाएंमॉल, होटल, रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स, सुपर स्पेशियलिटी, निचले खंड में यात्रियों के लिए वेटिंग रूम, फूड व किड्स जोन सहित अन्य सुविधाएं होंगी। साथ ही बड़ी स्क्रीनों पर बसों के आने-जाने का समय व प्लेटफार्म भी दर्शाया जाएगा जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी।बस अड्डे के किनारे लगेंगे शेडबस अड्डे के किनारे शेड लगाए जाएंगे। यहां विभिन्न रूटों की बसें आकर खड़ी होंगी। लंबी रूट की बसों को अलग व नजदीकी रूटों की बसों के लिए अलग शेड होंगे। परिवहन अधिकारियों की लखनऊ, कानपुर देहात व दिल्ली जाने वाली ज्यादातर बसों को ग्रीन सिटी बस अड्डे से संचालित करने की तैयारी है।बस अड्डे का पूरा स्वरूप बदल जाएगा। यहां कई सुविधाएं रहेंगी। इस आठ मंजिला बिल्डिंग में दो बेसमेंट होंगे। यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधित सहूलियत देने के लिए क्लीनिक भी बनेगी। यह क्लीनिक निजी अस्पताल संचालित करेगा। एक हिस्सा मॉल के रूप में विकसित होगा। इस योजना पर ढाई से तीन माह के भीतर कार्य शुरू हो जाएगा। -अनिल कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज