शनिवार, फ़रवरी 15, 2025
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कानपुर देहात में देहात शब्द पर दिखता है पिछलापन

न्यूज समय तक ब्यूरो शिवकरन शर्मा कानपुर देहात में देहात शब्द पर दिखता है पिछलापन

सीनियर अधिवक्ता सरोज दीक्षित के पुत्र डॉक्टर अमन ऋतुराज दीक्षित ने देहात शब्द को हटाने के संबंध में मुख्यमंत्री योगी से करेंगे भेंट कानपुर देहात;;; समय बदला निजाम बदला विकास भी खूब हुआ लोगों ने तरक्की महसूस की लेकिन विकास की अनेकों बुलंदियां प्राप्त करने के बाद भी अपना जिला देहाती के टप्पे से मुक्त नहीं हो सका, कारण कुछ भी रहो लेकिन जिले के प्रशासनिक अमले ने या यूं कहा जाए की एक दूसरे को नीचा दिखाने वाली राजनीति कभी इस लायक नहीं हो पाई की विकास की बुलंदियों को छूने वाले जिले के निवासियों के माथे पर लगे देहाती के ठप्पे को मिटा सके, नतीजा नत्थे खां और शीतल प्रसाद शुक्ला के जिले में मजबूरन लोगों को देहाती साबित होना पड़ रहा है, किसी ने भले ही ना सोचा हो लेकिन अब समाज के प्रबुद्ध वर्ग द्वारा की जा रही चर्चाओं पर जिले की जानी-मानी वरिष्ठ अधिवक्ता सरोज दीक्षित ने अपने कदमों को आगे बढ़ाया है सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर वह जिले को कोई अच्छा नाम दिए जाने की मांग करेंगी,इस बाबत कार्य योजना भी काफी हद तक तैयार कर ली गई है।।।। जिले के देहाती शब्द को लेकर बौद्धिक वर्ग में एक बहस छिढ़ चुकी है कि आज की वर्तमान स्थिति को हमारे परिवेश से देखकर जो आकलन किया जा रहा है। वह कहां तक न्याय संगत है इस पर पुनः विचार को लेकर समाज सेवा की सुप्रसिद्ध अधिवक्ता सरोज दीक्षित के सुपुत्र अमन ऋतुराज दीक्षित ने इस पहल को आगे बढ़ते हुए कहा है कि आज के भौतिक वातावरण में हमारी जो सार्वभौमिक परिस्थितियों हैं। उनका आकलन किया जाए तो हम कहां से ग्रामीण या देहाती लगते हैं फिर हमारे गौरवपूर्ण जिले में यह देहाती शब्द जोड़कर हम सभी को पिछड़ेपन का एहसास क्यों कराया जा रहा है। सभी उच्चतम परिवेश में रह रहे नागरिकों का एक तरह से उपहास ही नजर आता है। जहां पर ग्रामीण या देहाती शब्द को जोड़कर हमें उसे तरह का एहसास महसूस होता है। जैसे वाकई रूप से हम जहां पर हैं वहां की परतें काफी पुरानी और पिछड़ी हुई बातों का एहसास दिलाने के लिए मजबूर करती हैं। इसी प्रसंग को लेकर के डॉक्टर अमन ऋतुराज दीक्षित ने कानपुर देहात के नाम को बदलाव को लेकर अपनी मुहिम में यह सम्मिलित किया है । प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी नाथ जी से मिलकर इस देहाती शब्द को हटाकर कोई उचित प्रासंगिक शब्द को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा । इस संबंध में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी आंतरिक दर्द को वयांकरने का प्रयास किया जाएगा। यह सब आप सब की सार्थक प्रयास और एकजुटता से संभव हो सकता है । इस मुहिम को सभी बौद्धिक वर्ग के साथी एकजुट हो रहे हैं।

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