सहारनपुर/बिहारीगढ़।
आरटीओ विभाग की दरियादिली के चलते डग्गामार बसों का संचालन थम नहीं रहा, प्रदेश सरकार जहां अवैध वाहनों को रोकने की बात कर रही है वहीं स्थानीय प्रशासन डग्गामार वाहनों को संचालित कराने में मदद करने में लगा हुआ है, उत्तराखंड में जिन बसों पर प्रशासन ने बैन लगा रखा है वही डग्गामार बसें बिहारीगढ़ के सुंदरपुर से बिहार के यात्रियों को ठूंस ठूंस कर बस में बैठाने के बाद ढो रहे हैं इन बस संचालकों को कोविड-19 की गाइड लाइन का भी ख्याल नहीं, क्षमता से अधिक सवारियां भरकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा हैं।
पिछले 1 साल से प्राइवेट बस संचालक कई बार जगह बदल कर बाकायदा बस अड्डा स्थापित कर चुके है। जहां से रोजाना 100 से 125 सवारी बस में भरकर बिहार के लिए आना-जाना करती है। यह बस संचालक उत्तराखंड के ऋषिकेश मसूरी, विकास नगर, देहरादून आदि कई शहरों से बिहार के मजदूरों को इकट्ठा करके डग्गामार जीप कारों के जरिए पहले सुंदरपुर (बिहारीगढ़) लेकर आते हैं, उसके बाद सुंदरपुर में बनाए गए अवैध बस अड्डे से भर कर लोगों को सीधे बिहार पहुंचा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बात की जानकारी आरटीओ विभाग, परिवहन निगम के अधिकारियों, स्थानीय थाना पुलिस को है परंतु तीनों विभाग इस डग्गामारी को रोकने की बजाय संरक्षण दे रहे हैं। जिसकी वजह से परिवहन निगम को रोजाना कई हजार रुपए के राजस्व का चूना तो लग ही रहा है परंतु इन बसों में यात्रा करने वाले लोगों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं, कुछ दिन पहले भी कानपुर में ही क्षमता से अधिक सवारी भरकर ले जा रही प्राइवेट यात्री बस पलट जाने से कई लोगों की जान चली गई थी, मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को डग्गामारी रोकने हेतु सख्त हिदायत दी है लेकिन सहारनपुर का आरटीओ प्र