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आचार्य पंडित शिवा कान्त जी महाराज नें कहा भारत बनेगा विश्वगुरु लंदन में सनातन धर्म का पहराया झंडा
राजा किंग चार्ल्स के पारिवारिक माइक एंड्रयू ने अपनी स्वेच्छा से सनातन धर्म को को किया स्वीकार्य
कानपुर नगर :- सनातन धर्म और भारत की संस्कृति के बल पर भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनेगा । देश से बाहर चले गए लोग भी इस अभियान से जुड़ेंगे । आचार्य शिवा कान्त जी ने लंदन और आसपास के कई देशों में एक माह लंबे भ्रमण में पाया कि तीन से चार दशक पहले देश छोड़कर बाहर बस गए हमारे भाईयों में देश के प्रति प्रेम अपने पारिवारिक लोगो से लगाव और सांस्कृतिक मूल्यों सनातन धर्म तथा देश के सांस्कृतिक उत्थान और धार्मिक नवजागरण के प्रति उत्सुकता उत्कंठा और उत्साह है । यही नहीं इंग्लैंड के स्थानीय निवासी और ईसाई समुदाय के भाईयों और बहनों में भी सनातन को जानने समझने और अपनाने की होड़ है ।
इसका प्रमाण है कि वहां के राजा किंग चार्ल्स के पारिवारिक माइक एंड्रयू ने अपनी स्वेच्छा से सनातन धर्म को अपना लिया भारतीय लोगों के लिए गर्व की बात है कि भारत के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इंग्लैंड में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित शिवा कान्त जी महाराज नें इंग्लैंड के किंग चार्ल्स थ्री के रिप्रेजेंटेटिव सायमन ओवेंस एवं सांसद बॉब ब्लैक मैन एवं साउथ हॉल सांसद नरेंद्र शर्मा जी एवं डिप्टी मेयर सलीम मियां जी आदि इंग्लैंड के सीनियर लीडरों के साथ
भारत का ध्वज तिरंगा फहराया एवं भारत माता के गगनभेदी जयकारे उपस्थित लोगो ने लगाए । बदलते भारत की आगे बढ़ते भारत की और देश की वैज्ञानिक प्रगति के साथ हरित क्रांति स्वेत क्रांति से भी इंग्लैंड के निवासियों को आचार्य जी ने रूबरू कराया उनमें अयोध्या के निर्माणाधीन मंदिर काशी कारीडोर को देखने और दर्शन करने की प्रबल इच्छाशक्ति है बनारस में ज्ञानवापी को लेकर न्यायालय और सर्वे और खुदाई में भी वहां के लोगो में उत्साह और उम्मीदें हैं वे मथुरा कृष्ण जन्म भूमि की भी मुक्ति की आकांक्षा रख रहे हैं आचार्य पंडित शिवा कान्त ने उन्हें अपनी जन्म भूमि भारतीय संस्कृति सनातन के मूल्यों का प्रचार प्रसार करने और जन जन तक पहुंचाने का आवाहन किया आचार्य ने उनका आवाहन किया कि अपने गांव कस्बे की तरक्की से खुद को भी जोड़िए किसी छोटे से अस्पताल या स्कूल को गोद लीजिए अपने पारिवारिक लोगो की याद में कोई नई शुरुआत कीजिए देश से गए और विदेश में बसकर अपनी लगन मेहनत और उद्यमशीलता से एक नया इतिहास रच रहे उद्योगपतियों को अब भारत में नया उद्योग लगाने और बदलते भारत में आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाने का आवाहन किया
