मंगलवार, अक्टूबर 3, 2023
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अपूर्वा पाली क्लीनिक में नहीं है मरीजो की जीवन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

👉 अपूर्वा पाली क्लीनिक में नहीं है मरीजो की जीवन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

👉 ना ही डॉक्टर और ना ही मौजूद है ट्रेंड नर्स, फिर भी धड़ल्ले से संचालित हो रहा अवैध अपूर्वा पॉली क्लीनिक

👉 सेहत महकमा सो रहा कुंभकर्णी नींद, शहर बिंदकी बस स्टॉप खलील नगर इलाका बना अवैध हॉस्पिटल संचालकों के लिए मुफीद ठिकाना

👉 मानक विहीन अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ का खुलेआम चल रहा कारोबार

श्रीराम अग्निहोत्री न्यूज़ समय तक ब्यूरो फतेहपुर

फतेहपुर। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था दिन प्रतिदिन अपनी कमर तोड़ती नजर आती है। इसका सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य विभाग में तैनात अधिकारी एवं कर्मचारियों का अपने दायित्व के प्रति निष्ठावान न होना बताया जाता है। अगर शहर के सिर्फ बिंदकी बस स्टॉप इलाके की बात की जाए तो यहां पर अवैध नर्सिंग होमो की भरमार देखी जा सकती है, किंतु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों से इन अवैध नर्सिंग होमो के संचालकों की ऐसी सेटिंग-गेटिंग है कि इस इलाके से गुजरने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी आंख मूंदकर आते एवं जाते रहते हैं। शहर के जिला अस्पताल के पास पर बसा यह इलाका वैसे तो बहुत कम समय में तरक्की की राह पर आगे बढ़ गया, किंतु इसके आसपास जुड़े हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी समाज की मुख्य धारा से जुड़े लोग कहीं ना कहीं दूर है जिसकी वजह से इन अवैध नर्सिंग होम संचालकों का कारोबार दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। इसी इलाके में स्थित अपूर्वा पाली क्लीनिक इन दिनों काफी सुर्खियों में छाया हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इस अवैध पाली क्लीनिक में मरीजों की जीवन सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है और मानक विहीन होने के बावजूद भी धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है। बताते हैं कि इस पाली क्लीनिक का संचालिका अपने आपको ऊपर तक सेटिंग-गेटिंग का खिलाड़ी बताता है और पाली क्लीनिक में आने वाले मरीज़ एवं उनके तीमारदारों पर रौब गाँठकर अनाप-सनाप इलाज के नाम पर बिल बनाकर वसूली होती है। सूत्रों की माने तो अपूर्वा पाली क्लीनिक में ना तो विभिन्न बीमारियों के जानकार डॉक्टर है और ना ही ट्रेंड नर्स एवं स्टाफ है। सूत्र बताते है कि ये पाली क्लीनिक और यहां पर गर्भपात से लेकर नार्मल व सीजर डिलीवरी के अलावा विभिन्न तरह के रोगों से पीड़ित मरीज़ों की सर्जरी भी कराई जाती है। अब देखने वाली बात ये है कि जब अपूर्वा पाली क्लीनिक इतनी सुर्खियां हासिल किए हुए हैं तो फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की निगाह इस ओर क्यों नहीं जाती है। कुल मिलाकर अगर इस अवैध पाली क्लीनिक पर अभी भी संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही न की गई तो न जाने कितने मरीजो को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है!??

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