प्राथमिक विद्यालय में तैनात अध्यापक प्राइवेट नर्सिंग होम में डॉक्टर बनकर देखता मरीज
सरकारी अध्यापक प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को देता शिक्षा
अध्यापक झोलाछाप डॉक्टर बनकर प्राइवेट में नर्सिंग में देखता मरीज
फतेहपुर
फतेहपुर जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत नउवाबाग मैं स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक अध्यापक झोलाछाप डॉक्टर बनकर मरीजों को देख रहा है। वही हॉस्पिटल के संचालक एवं प्रबंधक सरकारी अध्यापक को डॉक्टर बनाकर मरीजों की जेब में डाका डाल कर मालामाल हो रहे। वही सूत्र बताते हैं कि प्राइवेट नर्सिंग होम में एबॉर्शन भी कराए जा रहे हैं। गंभीर बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं है। वही बात करें तो किसी ना किसी तरह से नर्सिंग होम का जिम्मेदार अधिकारियों से बात कर पंजीयन तो कर दिया। मगर जिम्मेदार अधिकारियों ने नर्सिंग होम मानक पूरा है भी या नहीं। इस बात को नजर अंदाज करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों ने नर्सिंग होम पंजीयन फाइल को पास कर दी। वही मानक की बात करें तो नर्सिंग होम एक किराए के मकान दूसरे माले पर चल रहा है। जो कि मानक के विरुद्ध है। अगर कोई सीरियस मरीज आता है तो उस मरीज को दूसरे माले पर कैसे ले जाया जाएगा अपने आप पर एक सवाल है। मैं सरकारी नियम के अनुसार ऑपरेशन थिएटर पहले माले पर होना चाहिए परंतु इस नर्सिंग होम में ऑपरेशन थिएटर की बात छोड़िए नर्सिंग होम दूसरे माले पर स्थित है तो फिर जाहिर सी बात है ऑपरेशन थिएटर भी दूसरे माले पर ही होगा। बात करें तो नर्सिंग होम के अंदर झोलाछाप डॉक्टरों (प्राथमिक विद्यालय में तैनात सरकारी अध्यापक) के भरोसे सीरियस मरीज व प्रसव के मरीजो बखूबी एडमिट किया जाता है। वही शिक्षा विभाग को इस बात की भनक नहीं है कि वही प्राथमिक विद्यालय में तैनात सरकारी अध्यापक प्राइवेट नर्सिंग होम में डॉक्टर बनकर मरीज देख रहा है। अब यह देखना होगा कि जिम्मेदारों की आंखें कब खुलेंगी। वहीं जिलाधिकारी अगर नर्सिंग होम के ऊपर जांच टीम गठित की। तो नर्सिंग होम पंजीयन फाइल पास करने वाले अधिकारियों के गर्दन पर तलवार लटके गी।