न्यूज़ समय तक कानपुर अकबरपुर मेडिकल कालेज को मिली दूसरी देह
सेंगर दम्पति ने दो दिन में सौंपी दो पार्थिव देह
उसी अयुग दधीचि देहदान अभियान चला कर पूरे प्रदेश के मेडिकल कालेजों को शोध हेतु मृत देह दान कराने का वृहद आन्दोलन चला रहे।
जे के कालोनी जाजमऊ,कानपुर निवासी मनोज सेंगर व माधवी सेंगर ने आज पुन एक देह अकबरपुर मेडिकल कालेज की देकर दो दिन में लगातार दूसरी देह दान करा कर कीर्तिमान रच दिया। कि कानपुर के श्रीनगर मोहल्ला निवासी जयप्रकाश नारायन जायसवाल का 11 अक्टूबर की रात दस बजे निधन होने पर परिजनों ने इसकी जानकारी मनोज सेंगर को दी, सेंगर दम्पति द्वारा समस्त आवश्यक पत्रक रात में ही तैयार किये गए व 12 अक्टूबर दशहरा के दिन पार्थिव देह लेकर दोपहर एक बजे मेडिकल कालेज अकबरपुर पहुंचे। जहां प्राचार्य डॉ एस. एल. वर्मा ने देह को पुष्प अर्पित करते हुये स्वीकार किया। वताते चलें कि एक दिन पहले 11अक्टूबर को ही गुजैनी कानपुर निवासी जनकराज
की देह यहाँ दान की गई है।
पन्हह साल बाद पूरा हुआ संकल्प– स्व जयप्रकाश जायसवाल ने वर्ष 2009 में देहदान संकल्प लिया था जो आज पन्हह साल बाद पूर्ण हुआ।
पूरा परिवार है देहदानी – मनोज सेंगर ने बताया कि जायसवाल का पूरा परिवार देहदान संकल्प ले चुका है, वर्ष 2009 में जयप्रकाश नारायन, राजेंद्र प्रसाद, राजेश कुमार एवं इन तीनों भाइयों की पत्नियों दुर्गा देवी, शिव कुमारी एवं ऊषा जी ने देहदान संकल्प पत्र भर दिये थे । इसमें से शिव कुमारी का देहदान वर्ष 2015 में कानपुर मेडिकल कॉलेज को किया जा चुका है,
कामरेड को लाल सलाम कानपुर से देह लेकर जब एंबुलेंस रवाना हो रही थी तो उपस्थित सैकडों लोगों ने कामरेड को लाल सलाम कह कर अपने प्रिय साथी को विदाई दी, जयप्रकाश जी जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष होने के साथ ही एक सच्चे कामरेड के समान जीवन भर शोषित, वंचित एवम सर्वहार वर्ग के लिए संघर्ष करते रहे, अपना निजी व्यवसाय करने के साथ ही वे समाज हित के कामों में अग्रणी रहे, देह समर्पण के समय पत्नी दुर्गादेवी, पुत्र शरद, भतीजे निखिल, रोहित, मित्र प्रताप साहनी, अवनीश तिवारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे, अभियान की महासचिव माधवी सेंगर ने बताया कि *यह 289वीं देह चिकित्सा जगत को सौंपा गया।
